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भुवनेश्वर, 27 सितंबर। ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने पुरी के जगन्नाथ मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले ‘महाप्रसाद’ और घी के लिए गुणवत्ता जांच तंत्र स्थापित करने का फैसला किया है।
ओडिशा सरकार का यह निर्णय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के उस दावे के बाद पैदा हुए बड़े विवाद के बाद आया है, जिसमें उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर में निर्मित और वितरित लड्डुओं में घटिया गुणवत्ता वाले घी तथा पशु चर्बी की कथित मौजूदगी का दावा किया था।
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि 12वीं शताब्दी के इस मंदिर में महाप्रसाद तैयार करने में प्रयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता की जांच करने के लिए एक खाद्य निरीक्षक नियुक्त किया जाएगा।
हरिचंदन ने कहा कि सभी वस्तुओं की रोशाशाला मंदिर की रसोई में भेजने से पूर्वी और महाप्रसाद अर्पित करने के बाद गुणवत्ता जांच की जाएगी।
कानून मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘केवल घी ही नहीं, हम महाप्रसाद तैयार करने में इस्तेमाल की जा रही अन्य सामग्री की गुणवत्ता की भी जांच करेंगे।’’
पुरी जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन है।
हरिचंदन ने कहा कि महाप्रसाद और अन्य सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है, भविष्य में किसी भी विवाद से बचने और महाप्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह पहल की गई है।
मंत्री ने यह भी कहा कि श्रद्धालुओं को कोई बासी महाप्रसाद न बेचे इसके लिए ‘आनंद बाजार’ (फूड कोर्ट) में 20 पूर्व सैन्यकर्मियों को तैनात किया गया है। (भाषा)