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उच्च न्यायालय ने एजेंसियों को सूचना देने के लिए सोशल मीडिया मंचों से एसओपी मांगी
01-Oct-2024 9:50 PM
उच्च न्यायालय ने एजेंसियों को सूचना देने के लिए सोशल मीडिया मंचों से एसओपी मांगी

नयी दिल्ली, 1 अक्टूबर। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे कानून लागू करने वाली एजेंसियों से सूचना के अनुरोधों पर कार्रवाई के लिए अपने मानक संचालन निर्देश (एसओपी) और समयसीमा पेश करें।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि यह आवश्यक है कि सोशल मीडिया मंचों द्वारा उचित समयसीमा का पालन किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी देरी से लापता व्यक्तियों का पता लगाने की प्रक्रिया में बाधा न आए।

अदालत ने यह आदेश 19 वर्षीय एक लड़के के माता-पिता द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जो जनवरी से कथित रूप से लापता है।

पीठ ने हाल में दिए गए आदेश में कहा, ‘‘सोशल मीडिया मंच अगली तारीख पर कानून लागू करने वाली एजेंसियों से सूचना के लिए किए गए अनुरोधों पर कार्रवाई को लेकर समयसीमा सहित अपने मानक संचालन प्रोटोकॉल को प्रस्तुत करेंगे।’’

अदालत ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस तरह की देरी और अंतराल से लापता व्यक्तियों, जिसमें बच्चे और नाबालिग भी होते हैं, का पता लगाने की प्रक्रिया में बाधा न आए, यह आवश्यक है कि संबंधित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और उनके संबंधित अधिकारियों द्वारा उचित समयसीमा का पालन किया जाना चाहिए।’’

अदालत ने दिल्ली पुलिस के वकील से कहा कि वे पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करें और उनके सामने आने वाली चुनौतियों तथा आवश्यक प्रशिक्षण के बारे में एक नोट प्रस्तुत करें।

अदालत ने कहा, ‘‘इस अदालत ने कुछ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में देखा है कि पुलिस द्वारा सूचना मांगने और विभिन्न मंचों से सूचना प्राप्त होने के बीच काफी विलंब होता है। अदालत ने बार-बार इन मंचों के लिए उपस्थित वकीलों से कहा है कि वे सूचना शीघ्रता से उपलब्ध कराएं।’’

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका किसी लापता या अवैध रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्ति को पेश करने के निर्देश का अनुरोध करते हुए दायर की जाती है।

इस मामले में, लापता लड़के के संबंध में एक इंस्टाग्राम अकाउंट सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने मेटा से कुछ जानकारी मांगी थी। मेटा के वकील ने कहा कि आमतौर पर कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें सोशल मीडिया मंचों के काम करने के तरीके, सूचना के लिए अनुरोध की संख्या और उसे प्रस्तुत करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाता है। (भाषा)

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