सामान्य ज्ञान
वर्साय शांति संधि पर दस्तखत के साथ 28 जून , 1919 में प्रथम विश्व युद्ध का अंत हुआ। जर्मनी के प्रतिनिधियों ने विजेता देशों द्वारा पेश संधि पर विरोध जताते हुए दस्तखत किए। उन्हें संधि तय करने की बातचीत में शामिल नहीं किया गया था। पेरिस के निकट वर्साय में हुई इस संधि ने जर्मनी के अधिकार काफी सीमित कर दिए। इस संधि को द्वितीय विश्व युद्ध के कारणों में से एक भी माना जाता है।
प्रथम विश्व युद्ध में पराजित होने के बाद जर्मनी को गठबंधन देशों के साथ उनकी शर्तों पर संधि करनी पड़ी। हालांकि लीग ऑफ नेशंस में इस संधि का पंजीकरण 21 अक्टूबर को हुआ और इसे संधियों की सूची में शामिल किया गया। इस संधि में प्रथम विश्व युद्ध की पूरी जिम्मेदारी जर्मनी के तृतीय राइष और उसके साथियों पर डाली गई और जर्मनी को अपनी भूमि का बड़ा हिस्सा खोना पड़ा। साथ ही उसे सेना को कम करने और विजेता देशों को हर्जाना देने को बाध्य किया गया। जर्मनी के ज्यादातर लोग सख्त शर्तों और जिस तरह से संधि हुई उसकी वजह से इसे अवैध और अपमानजनक मानते थे। इतिहासकारों का मानना है कि इसने द्वितीय विश्व युद्ध का बीज भी बो दिया।