राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 28 जून। देश में कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन में हिंदी प्रकाशन जगत की खस्ता हालत को देखते हुए हिंदी प्रकाशक संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक विशेष पैकेज देने की मांग की है।
हिंदी प्रकाशन संगठन के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी ने श्री मोदी को पत्र लिखकर हिंदी प्रकाशन जगत को बचाने के लिए 15 सूत्री मांग रखी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोरोना ने देश की अर्थव्यस्था को प्रभावित तो किया है लेकिन हिंदी प्रकाशन जगत को कुछ ज्यादा ही नुकसान हुआ क्योंकि इस दौरान किताबों की खरीद बिक्री बिल्कुल बंद रही। उन्होंने कहा कि प्रकाशकों को काग•ा पर 12 प्रतिशत, छपाई पर 12 प्रतिशत और बंधन पर 18 प्रतिशत तथा रॉयल्टी पर 18 प्रतिशत जीएसटी देनी पड़ती है।
श्री माहेश्वरी ने कहा कि श्री मोदी ने बीस लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है जिसमें एक छोटा हिस्सा हिंदी प्रकाशन जगत के लिए भी रखें। उन्होंने श्री मोदी से अपील की है कि वे मन की बात में किताबों के बारे में कुछ कह कर लोगों को प्रेरित करें। देश मे 35 लाख धार्मिक स्थल हैं। अगर हर धर्मिक स्थल में एक छोटा पुस्तकालय हो और उनमें पढऩे की संस्कृति पैदा हो तो हिंदी प्रकाशन जगत फल-फूल सकता है।
उन्होंने देश मे पुस्तक प्रकशन को यूरोप और अमेरिका की तरह आवश्यक सेवा में शामिल करने तथा उद्योग का दर्जा देने की मांग की। इसके साथ देश के पंचायतों में नगर निगमों, नगर पालिकाओं में भी पुस्तकालय, वाचनालय खोले जाने और छोटे प्रकाशकों को रियायत एवं सुविधाएं दिए जाने की माँग की है ताकि इसे बचाया जा सके। (वार्ता)