विचार / लेख

योगीराज में मुजरिमों के हौसले इतने बुलंद! : गिरीश मालवीय
03-Jul-2020 8:11 PM
योगीराज में मुजरिमों के हौसले इतने बुलंद! : गिरीश मालवीय

माफ कीजिए! ये राम राज्य नहीं है यह जंगलराज है और यही असली जंगलराज है। हम यूपी की ही बात कर रहे हैं जहाँ कानपुर के बिठूर थाना क्षेत्र में कल रात एक 25 हजार के इनामी बदमाश को पकडऩे गए पुलिस दल पर हमला होता है और एक डीएसपी, तीन सब इंस्पेक्टर, और चार सिपाहियों को अपराधियों की गैंग गोलियों से भून देती है। यानी इस खौफनाक घटना में 8 पुलिस कर्मियों की मौत हुई है। इसके अलावा स्थानीय थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल है और जिस तरीके से हमला हुआ, उससे आशंका है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी। जिस कारण उन्होंने तैयारी करके पुलिस पर हमला किया। पुलिस को रोकने के लिए बदमाशों ने पहले से ही जेसीबी वगैरह से रास्ता रोक रखा था। अचानक छत से फायरिंग शुरू कर दी गई। अब तक जो फिल्मों और वेबसीरिज आदि में देखा था अब वह प्रत्यक्ष घटित हो रहा है।

जिस विकास दुबे को ये गिरफ्तार करने गए थे वह कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं था। विकास दुबे उत्तरप्रदेश का कुख्यात बदमाश है। उसने 2001 में थाने में घुसकर भाजपा नेता और राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की थी। वह पहले भी थाने में घुसकर पुलिसकर्मी समेत कई लोगों की हत्या कर चुका है। विकास पर 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह प्रधान और जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है। इसके खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों के थानों में चल रहे हैं।

विकास दुबे की यूपी के सभी राजनीतिक दलों में अच्छी पकड़ बताई जाती है, संतोष शुक्ला के मर्डर के बाद पुलिस इसके पीछे पड़ गई। कई माह तक ये फरार रहा और तब सरकार ने इसके सिर पर पचास हजार का ईनाम घोषित कर दिया। पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने के डर के चलते ये अपने खास भाजपा नेताओं की शरण में गया। जहां उन्होंने अपनी कार में बैठाकर इसे लखनऊ कोर्ट में सरेंडर करवाया। कुछ माह जेल में रहने के बाद इसकी जमानत हो गई विकास दुबे वर्तमान में भाजपा के साथ ही जुड़ा था, लेकिन इसी दल के एक विधायक से इसकी नहीं पट रही थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि 2017 में लखनऊ में एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था लेकिन यूपी सरकार की लापरवाही की वजह से इसे फिर से जमानत मिल गई और जेल से निकलने के बाद वह फिर से बड़े-बड़े अपराध करने लगा, विकास दुबे के खिलाफ कानपुर के राहुल तिवारी ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस उसे पकडऩे के लिए बिकरू गांव गई थी जहाँ कल रात को यह लोहमर्षक घटना हुई है

साफ दिख रहा है कि योगी आदित्यनाथ के राज्य में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह खुलेआम 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर देते हैं। यह घटना राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देती है

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