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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 5 जुलाई। गरीब कल्याण रोजगार योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी ने आपत्ति की है। उन्होंने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल करने का आग्रह किया है।
श्री तुलसी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों का प्रतिशत 47.9 है। इसकी तुलना में मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और राजस्थान, जैसे राज्य जहां छत्तीसगढ़ की तुलना में कम लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। उन्हें इस योजना में शामिल किया गया है, जबकि छत्तीसगढ़ को छोड़ दिया गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 28 जिले हैं जिनमें से 10 केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित आकांक्षी जिले हैं। फिर भी राज्य को योजना में शामिल नहीं किया गया है। जबकि कोरोना महामारी के चलते पांच लाख प्रवासी मजदूर छत्तीसगढ़ लौट आए हैं। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इस योजना में छत्तीसगढ़ शामिल किया जाना जरूरी है। उन्होंने इस योजना में छत्तीसगढ़ को शामिल करने का आग्रह किया है।