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नई दिल्ली, 6 जुलाई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष ने उन लोगों को जमकर आड़े हाथों लिया है, जो बोर्ड के उद्देश्यों पर सवाल उठाते रहे हैं। धूमल ने सभी से आग्रह किया है कि वे आईपीएल को मनी-मेकिंग इवेंट कहने से बचें। उन्होंने कहा कि आईपीएल ने बोर्ड और खिलाडिय़ों को वित्तीय स्थिरता प्रदान की है। इसके साथ ही इस फील्ड बाहर के हजारों लोगों को भी रोजगार प्रदान कर उन्हें लाभान्वित किया है। इसके अलावा, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष के अनुसार आईपीएल ने यात्रा और पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा दिया है।
अरुण धूमल ने क्रिकबज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, यह पूरी चर्चा है कि आईपीएल एक पैसा बनाने वाली मशीन है, अगर ऐसा है भी तो। वह पैसा कौन लेता है? वह पैसा खिलाडिय़ों के पास जाता है, वह पैसा किसी भी पदाधिकारियों के पास नहीं जाता है। वह पैसा राष्ट्र के विकास में जाता है, यात्रा और पर्यटन उद्योग के कल्याण के लिए जाता है। टैक्स के रूप में यह पैसा देश के विकास में जाता है।
उन्होंने आगे कहा, तो पैसे के लिए विरोध क्यों? खिलाडिय़ों और टूर्नामेंट का आयोजन करने वाले मौजूद सभी लोगों को पैसे दिए जाते हैं। मीडिया को अब रुख बदलना होगा और इस टूर्नामेंट के लाभ के बारे में बताना होगा, जो हो रहा है।
धूमल ने कहा, यदि बीसीसीआई कर के रूप में हजारों करोड़ का भुगतान कर रहा है, तो यह राष्ट्र-निर्माण में जा रहा है। यह पैसा सौरव गांगुली, जय शाह या मेरी जेब में नहीं जा रहा। सही? तो ऐसे में आपको खुश होना चाहिए कि अगर खेल पर पैसा खर्च करने के बजाय पैसा बनाया जा रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के चलते आईपीएल 2020 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया है। हालांकि, बीसीसीआई इसकी पूरी कोशिश कर रहा है कि इस साल इस टूर्नामेंट का आयोजन करवाया जाए। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली आईपीएल 2020 नहीं होने पर तकरीबन 4000 करोड़ रुपये नुकसान की बात कह चुके हैं। (लाइव हिन्दुस्तान)