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नई दिल्ली, 8 जुलाई। गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच होगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय ने इस जांच के लिए एक इंटर-मिनिस्टेरियल कमेटी बनाई है। इसका अर्थ है कि कमेटी में कई मंत्रालय के लोग शामिल होंगे।
कांग्रेस ने इसे भयभीत मोदी सरकार की कायरतापूर्ण कार्रवाई करार दिया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसके मुताबिक आयकर अनियमितताओं और विदेशी फंड लेने के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच होगी।
इसमें यह भी बताया गया है कि इन ट्रस्टों पर प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट(पीएमएलए), इनकम टैक्स एक्ट(आईटी एक्ट), फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत जांच होगी। जांच समिति की कमान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्पेशल डायरेक्टर को सौंपी गई है।
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि कांग्रेस का नेतृत्व इससे डरने वाला नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मोदी जी को लगता है कि सारी दुनिया उनके जैसी है. वो सोचते हैं कि हर किसी की कोई कीमत होती है या हर किसी को डराया जा सकता है। वो ये कभी नहीं समझेंगे कि जो सच्चाई के लिए लड़ते हैं उनकी न कोई कीमत होती है और न ही उन्हें डराया जा सकता है।
इससे पहले पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व घबरायी हुई मोदी सरकार के इस कायरतापूर्ण कार्रवाई से डरने वाला नहीं है। राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना जून 1991 में हुई थी जबकि राजीव गांधी चैरेटिबल ट्रस्ट 2002 में अस्तित्व में आया था।
दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी इन दोनों ट्रस्टों की प्रमुख हैं। इन दिनों वो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की भी अध्यक्ष हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि इन ट्रस्टों का वित्तीय लेन-देन पूरी तरह से पारदर्शी है और कहीं कुछ गलत नहीं किया गया है लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। (bbc)