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3 गांवों के 200 ग्रामीण पहुंचे थे जनअदालत में, दवाब में किया रिहा
आजाद सक्सेना
किरंदुल, 8 जुलाई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। नक्सलियों ने मंगलवार को ग्रामीणों के दबाव में जवान के पिता समेत 5 ग्रामीणों को रिहा किया। बताया जाता है कि गुमियापाल, आलनार, तेनेली गांव के 200 ग्रामीण जनअदालत में रिहाई कराने पहुंचे थे। सोमवार रात को दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल से 15 किमी की दूर गुमियापाल गांव से नक्सलियों ने सिपाही के पिता का अपहरण कर लिया था।
दंतेवाड़ा जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांव गुमियापाल में नदी नाला पार कर ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता संवाददाता पहुंचे और नक्सलियों द्वारा रिहा किए गए सिपाही के पिता लछु तेलाम से बातचीत की। लछु तेलाम ने बताया कि रात नक्सली चेहरे पर कपड़ा बांध कर आये और मेरी बेटी के कमरे का दरवाजा तोडऩे लगे जब वो दरवाजा खोली तो उसका मोबाइल छीन लिया और मुझको साथ चलने कहा। मेरी पत्नी मुझको छोडऩे की मिन्नत करती रही और कुछ दूर पीछे गई पर वो एक न माने और मुझको अपने साथ ले गए। नक्सली लीडर कमलेश और राजे द्वारा उनको पूरी रात पैदल चलाकर बंगपाली के जंगलों में ले जाया गया था। जहां उनको जान से मारने की धमकी दी गई। नक्सल लीडर का कहना था कि तुम्हारा बेटा अजय तेलाम पुलिस में चले गया है और वह गद्दार बन कर गांव के लोगों को जेल भेज रहा है और मरवा रहा है। उसको घर वापस बुलाओ नहीं तो तुमको भी जान से मार देंगे।
लछु ने बताया कि गुमियापाल गांव से मेरे अलावा तीन और लोगों को नक्सली ले गए थे जो शासकीय उचित मूल्य के राशन की दुकान चलाते हैं और एक ग्रामीण को आलनार से भी ले गए थे, ऐसे पांच लोगों का अपहरण नक्सलियों ने किया था। बेंगपल्ली की पहाडिय़ों में मंगलवार दोपहर 3 गुमियापाल, आलनार, तेनाली गांव के 200 ग्रामीणों द्वारा जनअदालत में हम लोगों को छोडऩे के लिए कहा गया।