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नई दिल्ली, 9 जुलाई। सार्वजनिक उपक्रम भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (आईटीडीसी) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के साथ मिलकर कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति की निगरानी करने, अपने होटलों और कार्यालयों में अतिथियों तथा कर्मचारियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने समझौता-ज्ञापन के विषय में बात करते हुए कहा आईटीडीसी और एम्स के बीच कोविड-19 की लड़ाई लडऩे के लिए समझौता-ज्ञापन, आईटीडीसी द्वारा उठाया गया सराहनीय और प्रशंसनीय कदम है। हमें अपने डर पर जीत हासिल करने और पर्यटन उद्योग, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक है, को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास करने की आवश्यकता है। आईटीडीसी का यह कदम, अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के विश्वास तथा भरोसे के पुनर्निर्माण में सहायक होगा।
राज्यमंत्री ने कहा इस महामारी का यात्रा और पर्यटन उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। एम्स के साथ समझौता-ज्ञापन इस स्थिति की निगरानी और महामारी से लडऩे के लिए आवश्यक उपाय करने में मदद करेगा। पर्यटन क्षेत्र नौकरियों के सृजन के साथ-साथ भारत के सकल घरेलू उत्पाद में अत्यधिक योगदान देता है, अत: यह अनिवार्य है कि काम में वापसी के लिए इस क्षेत्र की तैयारी और तत्परता सुनिश्चित की जाए।
समझौता ज्ञापन के अनुसार वर्तमान स्थिति के आधार पर और साथ ही वास्तविक समय के आधार पर, कोविड-19 के संक्रमण के संबंध में सुरक्षा प्रोटोकॉल को तैयार करने और विकसित करने पर इनपुट प्रदान करने के लिए एम्स, आईटीडीसी और/अथवा किसी अन्य संगठन के प्रतिनिधियों का एक सलाहकार बोर्ड बनाया जाएगा। यह घरेलू पर्यटन में विश्वास और भरोसा पैदा करने में मदद करेगा और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और यात्रियों के लिए राष्ट्र की छवि निर्माण में भी सहायक होगा।
इस तरह के उपाय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पालन के साथ-साथ स्थिति को प्रभावी रूप से संभालने के लिए होटल के फ्रंट कार्यालय, अतिथि संबंध, हाउसकीपिंग, खाद्य व पेय आदि क्षेत्रों के एक हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रदान किए गए व्यापक प्रशिक्षण के अतिरिक्त किए गए हैं। (वार्ता)