राष्ट्रीय

डॉक्टर्स को योद्धा कह रहे हैं, वेतन नहीं दे सकते: दिल्ली हाईकोर्ट
09-Jul-2020 6:24 PM
डॉक्टर्स को योद्धा कह रहे हैं, वेतन नहीं दे सकते: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली, 9 जुलाई। नॉर्थ एमसीडी के हिंदू राव और कस्तूरबा अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स को वेतन न मिलने की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब वकील अदालत में आकर कहते हैं कि उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान पैसा चाहिए तो डॉक्टर, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें भी तो वेतन चाहिए.

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स को वेतन न मिलने की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाये रखा.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जैन की पीठ  ने कहा, ‘हम डॉक्टर्स को कोरोना वॉरियर कह रहे हैं, क्या हम उन्हें वेतन नहीं दे सकते हैं?’

अदालत कुछ खबरों पर आधारित एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने इस्तीफे की धमकी दी है क्योंकि उन्हें इस साल मार्च महीने से वेतन नहीं मिला है.

खबरों में यह भी कहा गया कि हाल ही में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा संचालित हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों ने मार्च, अप्रैल और मई महीनों के वेतन नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह रेजीडेंट डॉक्टरों समेत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं कर पा रहा क्योंकि दिल्ली सरकार ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही का पूरा धन जारी नहीं किया है.

इस पर पीठ ने कहा कि सभी वेतनभोगी लोग गरीब होते हैं. निगम ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार पर वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में निगम का 162 करोड़ रुपये बकाया है और उसमें से केवल 27 करोड़ जारी करने की अनुमति दी गयी है जो भी अभी आए नहीं हैं.

इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने दलील का विरोध करते हुए कहा कि सात जुलाई को दाखिल उसकी रिपोर्ट में अनेक विभागों द्वारा निगम को जारी राशि का उल्लेख किया गया है.

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सारी बकाया राशि को मंजूरी दे दी है. पीठ ने दिल्ली सरकार को निगम की दलीलों पर जवाब देने को कहा है और अगली सुनवाई की तारीख 29 जुलाई तय की है.

अदालत ने कहा कि जब वकील अदालत में आकर कहते हैं कि उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान पैसा चाहिए तो डॉक्टर, जो कोरोना योद्धा हैं, उन्हें भी तो वेतन चाहिए.

पीठ ने यह भी साफ किया कि वह केवल निगम द्वारा संचालित अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन बकाया के मामलों पर विचार कर रही है न कि सभी डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के.(thewire)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news