राष्ट्रीय
लखनऊ, 10 जुलाई। एसटीएफ अधिकारियों के साथ शुक्रवार सुबह कथित मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल होने के बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने दम तोड़ दिया। कथित तौर एक सड़क दुर्घटना के दौरान जब उसका वाहन पलट गया तो उसने भागने की कोशिश की, इसी दौरान वह मारा गया। लेकिन इस घटना को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि एनकाउंटर से पहले अचानक चेक पोस्ट लगा दी गई और विकास दुबे की ले जाने वाली गाड़ियों के अलावा सभी गाड़ियों को रोक दी गई।
आरोप है कि काफिले के साथ चल रही मीडिया की गाड़ियों को रोकने के लिए बीच में अचानक चेक पोस्ट लगा दी गई। इस वजह से मीडिया की गाड़ियां पीछे छूट गईं। इसके बाद खबर आई कि विकास दुबे जिस गाड़ी में था, वह पलट गई और उसका एनकाउंटर हो गया। एनकाउंटर के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या मीडिया को रोकने के लिए ही अचानक चेकिंग शुरू की गई थी?
खबरों के मुताबिक, विकास दुबे बीजेपी नेताओं से अपने संबंध के बारे में कई खुलासे कर चुका था। कई पुलिस अधिकारी भी कानपुर शूटआउट केस में सवालों के घेरे में थे। ऐसे में पहले से ही यह संदेह जताया जा रहा था कि कुख्यात विकास दुबे को शायद मुठभेड़ में मार गिराया जाए और हुआ भी वही। गुरुवार को जब विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर में पकड़ा गया तो उसने कोई विरोध दर्ज नहीं कराया। ऐसा लग रहा था जैसे वह सुनिश्चित है कि उसे कुछ नहीं होने वाला। उसके हावभाव से यह लग रहा था कि वह सरेंडर करने जा रहा है। उसके पास से कोई हथियार भी बरामद नहीं किया गया। यही वजह है कि अब यह सवाल पूछा जा रहा कि जिसने गिरफ्तारी के समय कोई विरोध दर्ज नहीं कराया वह फिर पुलिस की हिरासत से हथियार छीनकर भागने की क्यों कोशिश करेगा? क्या विकास दुबे के एनकाउंटर के पीछे कोई बड़ी साजिश है?