सामान्य ज्ञान
भारत के कई प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमे चले हैं। इनमें से कुछ नेताओं के नाम हैं-
लालू यादव- सालों तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू यादव पर भ्रष्टाचार के 63 मामले थे लेकिन चारा घोटाले के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा और अपना पद छोडऩा पड़ा। अपराध साबित होने के कारण उन पर पिछला चुनाव लडऩे पर रोक लग गई। इस समय वे जमानत पर बाहर हैं।
बी.एस. येदियुरप्पा- कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 2008 में बीजेपी को प्रांत में पहली बार सत्ता में लाने का श्रेय जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने परिवारवाद शुरू कर दिया और अपने बच्चों को जमीन के अलॉटमेंट में पक्षपात किया। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया और अपना पद भी छोडऩा पड़ा।
ए. राजा- चार बार संसद के सदस्य और दो बार भारत के संचार मंत्री रहे ए राजा 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अभियुक्त हैं। मामले की जांच कर रही सीबीआई का कहना है कि 3000 करोड़ के इस घोटाले में मनपसंद लोगों को स्पेक्ट्रम के लाइसेंस दिए गए। वर्ष 2011 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन 2012 से वे जमानत पर बाहर हैं।
कणिमोझी- राजनीतिक भ्रष्टाचार का एक रूप फैसला लेने वाले राजनीतिज्ञों के करीबी लोगों के कारोबार में भागीदारी के रूप में सामने आया है। कणिमोझी डी.एम.के. नेता एम. करुणानिधि की बेटी हैं और आरोप है कि उनकी कंपनी कलाइनार टीवी में ए. राजा की वजह से स्पेक्ट्रम लाइसेंस पाने वाले कारोबारियों का पैसा आया।
सुरेश कलमाड़ी- कांग्रेस पार्टी के प्रमुख राजनीतिज्ञ के अलावा सुरेश कलमाड़ी देश के प्रमुख खेल अधिकारी भी रहे हैं। उनका नाम भारत में कॉमनवेल्थ कराने से जुड़ा है तो उसके आयोजन में हजारों करोड़ के घोटाले के साथ भी। कलमाड़ी और उनके सहयोगियों को धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस समय मामला अदालत में है।
मधु कौड़ा- गरीब आदिवासी परिवार से आए झारखंड के मुख्यमंत्री मधु कौड़ा राजनीति की वजह से कोरड़पति बन गए। उनकी दिलचस्पी सिर्फ अपने प्रांत में होने वाले खनन में ही नहीं थी बल्कि अफ्रीकी देशों में भी। उन पर 4 हजार करोड़ की संपत्ति रखने का आरोप लगा, जो प्रांत के बजट का एक चौथाई था। इस समय वे जमानत पर हैं।
पी.वी. नरसिंह राव- भ्रष्टाचार के आरोप तो प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर भी लगे लेकिन नरसिंह राव भारत के पहले प्रधानमंत्री थे जिन पर पद पर रहते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए गए जिसमें उन्हें सहअभियुक्त बनाया गया था।