खेल
डीआरएस के बचाव में सचिन
नई दिल्ली, 12 जुलाई । क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) को अंपायर कॉल्स से डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) को मुक्त करना चाहिए। यह फैसला पूरी तरह से उस पर निर्भर करता है, जो तकनीक दिखाती है। उन्होंने कहा कि कितने फीसदी गेंद स्टंप्स को हिट कर रही थी यह मैटर नहीं करता, यदि डीआरएस दिखाता है कि गेंद स्टंप को हिट कर रही थी तो उसे आउट दिया जाना चाहिए।
सचिन के कहा कि अगर गेंद स्टंप्स पर लग रही है, तो फिर ऑन फील्ड अंपायर के फैसले की परवाह किए बिना बल्लेबाज को आउट देना चाहिए। इसके साथ ही सचिन ने आईसीसी से एलबीडब्ल्यू के मामले में अंपायर कॉल के प्रावधान को हटाने पर विचार करने के लिए भी कहा है।
उन्होंने कहा कि इस बात का कोई प्रभाव नहीं पडऩा चाहिए कि मैदान पर खड़े अंपायर ने क्या फैसला दिया है। तकनीक का यह उद्देश्य है। सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए कहा, हम जानते हैं कि तकनीक भी मनुष्य की तरह 100 फीसदी सही नहीं होती। तेंदुलकर ब्रायन लारा के साथ डिसीजन रिव्यू सिस्टम पर 100एमबी एप पर चर्चा कर रहे थे।
सचिन ने कहा, जब टीम मैदान पर खड़े अंपायर से नाखुश होती है, तभी वह तीसरे अंपायर के पास जाती है। इसके बाद टेक्नोलॉजी पर भरोसा करना चाहिए। दोनों के बीच में कुछ नहीं होना चाहिए। जैसा कि टेनिस में होता है या तो गेंद अंदर होती है या लाइन के बाहर। जब एक बार आपने तकनीक के इस्तेमाल का निर्णय कर लिया तो आपको उस पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर गेंद सिर्फ स्टंप्स को छूकर भी निकल जाए, तो भी फैसला गेंदबाज के हक में होना चाहिए।
तेंदुलकर की इस बात का हरभजन सिंह ने भी समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट किया, आपसे 1000 फीसदी सहमत हूं पाजी। यदि गेंद स्टंप्स को छू रही है या किस कर रही है तो उसे आउट दिया जाना चाहिए। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि गेंद स्टंप्स के कितने हिस्से को छू रही थी। खेल की बेहतरी के लिए कुछ नियम बदले जाने चाहिए। यह निमय भी ऐसा ही है।(लाइव हिन्दुस्तान)