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रायपुर, 22 जुलाई। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के कॉर्डियो थोरेसिक एवं जनरल व लेप्रोस्कोपिक विभाग की टीम ने मिलकर एक मरीज की सफल थोरेस्कोपी सर्जरी की। हॉस्पिटल में 31 वर्ष की आयु के एक मरीज ने आंखों में दर्द एवं धुंधला दिखने, कमजोरी की शिकायत के साथ डॉ. संजय शर्मा को दिखाया। डॉक्टरों ने रोगी की पूरी जांच की और जांच में पता चला कि उसे मायस्थेनिया ग्रेविस हो गया है।
मायस्थेनिया गे्रेविस एक प्रकार का ऐसा रोग है, जिसमें मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण मरीज को धुंधलापन, थकान, शारीरिक कमजोरी, बोलने में कठिनाई, खाना का निगलने में तकलीफ, सांस फूलना आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस मरीज को थाइमेक्टॉमी की सलाह दी गई। थाइमेक्टॉमी शल्य क्रिया के द्वारा थाइमस ग्रंथी को निकालने की प्रक्रिया को थाइमेक्टॉमी कहा जाता है।
इस प्रक्रिया को छाती में (स्टरनम) को चीरा लगा के किया जाता था, परंतु इस मरीज में दूरबीन पद्धति के द्वारा इस प्रक्रिया का सफल ऑपरेशन किया गया। जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप दवे ने अपने टीम एवं कॉर्डियो थोरेसिक सर्जन डॉ. विनोद आहूजा से चर्चा कर थाइमेक्टॉमी का दूरबीन पद्धति से सफल ऑपरेशन किया। इस तकनीक में बिना चीरफाड़ किए सिर्फ चार छेद करके ही वीडियो में देखकर पूरी सर्जरी की गई।
मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे और एचसीसीओ संदीप रूपेरिया ने इस सफलता के लिए कॉडियो थारेसिक एवं जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक के सभी डॉक्टरों व उनकी टीम को बधाई दी।