सामान्य ज्ञान
महारानी गायत्री देवी जयपुर राजघराने की राजमाता थी। ये दुनिया की दस सबसे ख़ूबसूरत महिलाओं में से एक थीं। इन्होंने पहली बार बारह साल की उम्र में बघेरे का शिकार किया था। सन् 1939 से 1970 तक गायत्री देवी जयपुर की महारानी बनी रहीं। गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था। इनका बचपन का नाम आयशा था।
इनके पिता का नाम महाराजा जीतेंद्र नारायण था जो कूच बिहार के राजा थे। इनकी माता का नाम इंदिरा राज था। इंदिरा राजे वडोदरा की राजकुमारी थीं। गायत्री देवी के दो भाई और दो बहिनें थीं। पांच भाई बहनों में उनका नंबर चौथा था। इस राजकुमारी का बचपन बेहद ही ठाठ-बाट में बीता। बचपन से ही महारानी गायत्री देवी प्रतिभावान बालिका थी, जिनके हर शौक़ लडक़ों की तरह थे। वह खुलेपन की समर्थक थीं। गायत्री देवी वो सौभाग्यशाली महिला थीं, जिसे प्रसिद्ध वोग मैग्ज़ीन ने दुनिया की दस ख़ूबसूरत महिलाओं की सूची में शुमार किया था। 9 मई 1940 को जयपुर के अंतिम महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय ने गायत्री देवी से विवाह कर उन्हें अपनी तीसरी धर्मपत्नी का दर्जा दिया। उनके पुत्र प्रिंस जगत सिंह का जन्म 17 अक्टूबर 1949 में हुआ था। गायत्री देवी केवल जयपुर की महारानी ही नहीं थीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय हस्ती थीं। उनकी ए प्रिंसेस रिमेम्बस तथा ए गवर्नमेंट्स गेट वे नामक पुस्तकें अंग्रेज़ी में प्रकाशित हो चुकी हैं। 90 वर्ष की आयु में 29 जुलाई 2009, जयपुर में गायत्री देवी का निधन हो गया।