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राजीव गांधी बनते अगर दोबारा पीएम तो…
दिल्ली (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 5 अगस्त को रामलला मंदिर के शिलान्यास करने वाले है। इससे पहले बीजेपी के विवादित नेता सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होने कहा कि राम मंदिर निर्माण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई योगदान नहीं है।
एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में स्वामी ने कहा, “राम मंदिर में प्रधानमंत्री का कोई योगदान नहीं है। सारी बहस हमने की। जहां तक मैं जानता हूं सरकार की तरफ से उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसके बारे में कह सकें कि उसकी वजह से निर्णय आया है।”
दरअसल, उनसे सवाल किया गया था कि राम मंदिर भूमि पूजन में और किन-किन लोगों को बुलाया जाना चाहिए था, जिन्हें नहीं बुलाया गया है। इस सवाल के जवाब में उन्होने ये बात कहीं। स्वामी ने कहा कि ‘जिन लोगों ने काम किया उनमें राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंहल का नाम शामिल है।
इसके साथ ही स्वामी ने ये भी कहा कि वाजपेयी ने भी इसमें अड़ंगा अड़ाया था। अशोक सिंहल ने उन्हें ये बात बतायी थी।’ भाजपा सांसद ने कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए फाइल प्रधानमंत्री की टेबल पर पिछले 5 साल से पड़ी है लेकिन उन्होंने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
स्वामी ने कहा कि मैं कोर्ट जाकर आदेश दिलवा सकता हूं लेकिन मुझे बुरा लगता है कि हमारी पार्टी होने के बावजूद भी हमें कोर्ट जाना होता है। इससे पहले स्वामी ने अपने एक बयान में कहा था कि राजीव गांधी अगर दोबारा पीएम बनते तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता।
उन्होने बताया, राजीव गांधी ने विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया था और राम मंदिर के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की अनुमति भी दे दी थी लेकिन उनके असामयिक निधन से चीजें बदल गईं।
इस बीच भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक बयान में कहा है कि राम मंदिर निर्माण निर्माण में पीएम मोदी का तो कोई योगदान नहीं है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे दोबारा पीएम बने होते तो कब का राममंदिर बन चुका होता, उन्होंने ही विवादित स्थल का ताला खुलवाया था.
भाजपा सांसद ने ये भी कहा कि पांच साल से राम सेतु की फाइल उनकी टेबल पर पड़ी हुई है. दरअसल एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में स्वामी से सवाल पूछा गया कि राम मंदिर भूमि पूजन में और किन-किन लोगों को बुलाया जाना चाहिए था, जिन्हें नहीं बुलाया गया है. इसके जवाब में स्वामी ने कहा कि राम मंदिर में प्रधानमंत्री का कोई योगदान नहीं है. सारी बहस हमने की. जहां तक मैं जानता हूं सरकार की तरफ से उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसके बारे में कह सकें कि उसकी वजह से निर्णय आया है. स्वामी ने कहा कि जिन लोगों ने काम किया उनमें राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और अशोक सिंहल का नाम शामिल है.
स्वामी ने ये भी कहा कि वाजपेयी ने भी इसमें अड़ंगा अड़ाया था. अशोक सिंघल ने उन्हें ये बात बतायी थी. भाजपा सांसद ने कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए फाइल प्रधानमंत्री की टेबल पर पिछले 5 साल से पड़ी है, लेकिन उन्होंने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. स्वामी ने कहा कि मैं कोर्ट जाकर आदेश दिलवा सकता हूं, लेकिन मुझे बुरा लगता है कि हमारी पार्टी होने के बावजूद भी हमें कोर्ट जाना होता है.
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक बयान में कहा था कि राजीव गांधी अगर दोबारा पीएम बनते तो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता. राजीव गांधी ने विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया था और राम मंदिर के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की अनुमति भी दे दी थी लेकिन उनके असामयिक निधन से चीजें बदल गईं.