कारोबार
पशुपालक आसानी से प्राप्त कर सकते हैं घास के नोड
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 10 अगस्त। छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के अंतर्गत पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अंजोरा द्वारा प्रगतिशील किसान शशिकांत गाने डौंडीलोहारा को नेपियर घास की डी एच 10 किस्म की 1000 तनों की कटिंग दी गई। यह नेपियर नोड छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस के तिवारी द्वारा प्रदाय की गई।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा नेपियर घास का व्यापक प्रचार प्रसार एवं वितरण राज्य के विभिन्न पशुपालक किसानों को लगातार किया जा रहा है। नेपियर घास को हाथी घास के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बहुवर्षीय चारा फसल है। इसकी एक बार नोड या तने को लगा कर 5-7 वर्षों तक लगातार हर 45- 60 दिनों के अंतराल में हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है। नेपियर घास से प्रतिवर्ष 150- 200 टन प्रति हेक्टेयर हरा चारा प्राप्त होता है तथा इसमें 9 - 12फीसदी प्रोटीन होता है। यह पहली कटाई के लिए 90 दिनों में तैयार हो जाता है नेपियर घास की ऊंचाई 3-4 मीटर तक होती है। राज्य के अन्य पशु पालक भी नेपियर घास की नोड या तनों को लगाने हेतु महाविद्यालय के चारा इकाई के प्रभारी डॉ शिवेश देशमुख मोबाइल नंबर 7724846343 पर संपर्क कर सकते हैं।