राष्ट्रीय

रोजी-रोटी खातिर फिर महानगरों को लौट रहे कामगार
08-Sep-2020 7:38 PM
रोजी-रोटी खातिर फिर महानगरों को लौट रहे कामगार

भोपाल, 8 सितंबर (आईएएनएस)| कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लागू होने से काम-धंधा बंद होने पर अपने गांव लौटे कामगार परिवार लगभग छह महीने बाद फिर उन महानगरों की तरफ लौटने लगे हैं, जहां उन्हें रोजी-रोटी मिला करती थी।

देश में कोरोना की दस्तक के चलते मार्च माह में पूर्णबंदी की गई थी और यह पूर्णबंदी लगभग तीन माह रही, इसके चलते बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड के कामगार परिवार अपने घरों को लौट आए थे। लौटने के लिए उन्हें जो साधन मिला था, उसी के सहारे वे अपने घरों तक पहुंचे थे, मगर अब एक बार फिर उन्हें रोटी-रोटी का संकट सताने लगा है और भी वापस फिर उन महानगरों की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां वे अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं।

झारखंड और बिहार के अलावा मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से मुंबई और गुजरात का रास्ता भोपाल से होकर गुजरता है। यहां के बाइपास से गुजरते वाहनों में उन परिवारों की बहुतायत है जो एक बार फिर रोजी-रोटी की तलाश में महानगर जा रहे हैं। कोई ऑटो पर सवार है तो कोई माल ढोने वाले वाहन पर। सभी की मंजिल वही है, जहां से वे अपने गांव लौटे थे।

इलाहाबाद के कुछ लोग ऑटो से ही मुंबई की तरफ चल पड़े हैं। ऑटो में कुल पांच लोग सवार हैं और उनकी मंजिल मुंबई है। मुंबई ऑटो से जा रहे लोगों में से सुनील पांडे बताते हैं कि वे अपने दोस्त के साथ मिलकर मुंबई में ऑटो चलाते हैं और इसी ऑटो से पूर्णबंदी के दौरान गांव लौटे थे। अब अन्य साथियों के साथ मुंबई जा रहे हैं, क्योंकि इन लोगों को फैक्ट्री मालिक का बुलावा आया है, परिवार को गांव में ही छोड़ आए हैं।

इसी तरह झारखंड के चतरा के रामेश्वर साहू भी अपने साथियों के साथ मुंबई जा रहे हैं। भोपाल तक पहुंचने में ही वे 12 सौ किलोमीटर का रास्ता तय कर चुके थे। वे लोग दिन में तो अपने ऑटो से चलते हैं, मगर अंधेरा होते ही किसी स्थान पर रुक जाते हैं। कोरोना के कारण वे अपने गांव में थे, मगर अब आर्थिक संकट आया है तो उन्हें मुंबई की तरफ जाना पड़ रहा है।

इसी तरह कई सामान ढोने वाले वाहनों में भी लोग यात्रा कर रहे हैं और मुंबई व गुजरात जा रहे हैं। कुछ बस संचालकों ने तो बसों से भी मजदूरों को भेजना शुरू कर दिया है। एक बस संचालक का कहना है कि किराया तो मजदूरों से ले रहे हैं और जिस फैक्ट्री में इन मजदूरों को लेकर जाना है, उसका मालिक उन्हें कमीशन भी अलग से देगा। गुजरात और महाराष्ट्र के लिए हर रोज कई बसें भोपाल से होकर गुजर रही हैं।

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