सामान्य ज्ञान
सुवर्णरेखा या स्वर्णरेखा भारत के झारखंड प्रदेश में बहने वाली एक पहाड़ी नदी है। यह रांची नगर से 16 किमी. दक्षिण-पश्चिम से निकलती है और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ती हुई मुख्य पठार को छोडक़र प्रपात के रूप में गिरती है। इस प्रपात (झरना) को हुंद्रुघाघ कहते हैं।
प्रपात के रूप में गिरने के बाद नदी का बहाव पूर्व की ओर हो जाता है और मानभूम जिले के तीन संगम बिंदुओं के आगे यह दक्षिण पूर्व की ओर मुडक़र सिंहभूम में बहती हुई उत्तर पश्चिम से मिदनापुर जिले में पवेश करती है। इस जिले के पश्चिमी भूभाग के जंगलों में बहती हुई बालेश्वर जिले में पहुंचती है। यह पूर्व पश्चिम की ओर टेढ़ी-मेढ़ी बहती हुई बालेश्वर नामक स्थान पर बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की कुल लंबाई 474 किमी. है और लगभग 28 हजार 928 वर्ग किमी. का जल निकास इसके द्वारा होता है। इसकी प्रमुख सहायक नदियां कांची एवं कर्कारी हैं। भारत का प्रसिद्ध एवं पहला लोहे तथा इस्पात का कारखाना इसके किनारे स्थापित हुआ। कारखाने के संस्थापक जमशेद जी टाटा के नाम पर बसा यहां का नगर जमशेदपुर या टाटानगर कहा जाता है।