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नयी दिल्ली, 20 सितंबर (वार्ता) कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) की राशि पीएम केयर्स फंड में देने और इसमें दिये गये योगदान को आयकर से छूट का प्रावधान करने वाले कराधान एवं अन्य विधि (कतिपय उपबंधों का स्थिलिकरण और संशोधन) विधेयक, 2020 आज लोकसभा में पारित हो गया।
यह विधेयक कराधान एवं अन्य विधि (कतिपय उपबंधों में छूट) अध्यादेश, 2020 के स्थान पर लाया गया है। कोविड-19 के मद्देनजर कराधान और रिटर्न आदि से जुड़ी कई तारीखों को आगे बढ़ाने के लिए अध्यादेश द्वारा किये गये प्रावधनों को इस विधेयक में शामिल किया गया है। पीएम केयर्स फंड में दी जाने वाली राशि को आयकर से छूट और सीएसआर संबंधी छूट के साथ ही आयकर रिटर्न के फेसलेस आकलन की भी इस विधेयक के जरिये व्यवस्था की जा रही है।
विधेयक पर सदन में हुई चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीमए केयर्स फंड में पूरी पारदर्शिता है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में प्रबंधन और पंजीकरण के अलावा कोई अंतर नहीं है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में सिर्फ एक पार्टी के अध्यक्ष को स्थायी सदस्य बनाने का प्रावधान किया गया है जबकि पीएम केयर्स फंड में सभी सदस्य पदेन हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष 1948 से आज तक पंजीकृत नहीं हुआ है जबकि पीएम केयर्स फंड पूरी तरह पारदर्शी है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि दोनों का दोनों कोषों का उद्देश्य एक है, वर्तमान समय में एक ही कंपनी दोनों का ऑडिट कर रही है, दोनों सूचना का अधिकार कानून के दायरे से बाहर हैं और दोनों का प्रशासनिक कार्य प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की देखरेख में है।
इस विधेयक के जरिये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष की तरह की पीएम केयर्स फंड में दिये जाने वाले योगदान को आयकर की धारा 80सी के तहत आयकर से छूट दी जा रही है और कंपनियों को अपनी सीएसआर की राशि इस कोष में देने का अधिकार दिया जा रहा है।