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अखबारों में अंग्रेजी में विज्ञापन देकर कृषि बिल समझा रही मोदी सरकार, आम आदमी पार्टी ने उठाया सवाल
22-Sep-2020 7:58 PM
अखबारों में अंग्रेजी में विज्ञापन देकर कृषि बिल समझा रही मोदी सरकार, आम आदमी पार्टी ने उठाया सवाल

नई दिल्ली, 22 सितंबर | आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि देश की जनता की गाढ़ी कमाई से अखबारों में अंग्रेजी में विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश की जा रही है। पार्टी ने कहा कि भाजपा बताए कि देश के 62 करोड़ किसान और कृषि क्षेत्र के मजदूरों में वे कौन से लोग हैं, जो अंग्रेजी विज्ञापन को पढ़कर 'मिनिमम सपोर्ट प्राइस', 'पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम' और 'पब्लिक सिक्योरमेंट' को समझेंगे।

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने मंगलवार को कहा, "अंग्रेजी में विज्ञापन देना, क्या गरीब, दबे, कुचले और छले गए किसानों का मजाक उड़ाना नहीं है, क्या उसके जख्मों पर नमक छिड़कना नहीं है?" राघव चड्ढा ने कहा, "2015-16 का एग्रीकल्चरल सर्वे कहता है कि देश में 80 प्रतिशत किसानों के पास 2 एकड़ से भी कम जमीन है। वह गरीब किसान आज अपने गांव से साथ वाले गांव में अपनी फसल बेचने के लिए नहीं लेकर जा पाता है। किसान को ठगने की कोशिश की और अब अंग्रेजी में विज्ञापन देकर सरकार का चेहरा चमकाना चाहते हैं।"

वहीं, एन.डी. गुप्ता ने बताया कि राज्यसभा में कामकाज का सुबह 9 से दोपहर एक बजे तक समय होता है। मंत्री जी का भाषण चल रहा था। आदरणीय उपसभापति ने 1 बजे के बाद सर्वसम्मति बनाने की बात कही। लोकसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस पर सिर्फ आपकी पार्टी सहमत होगी, बाकी विपक्ष इस पर बिल्कुल सहमत नहीं है और इस सदन की पिछले 70 साल में यह परंपरा रही है कि जब भी कभी निश्चित समय से संसद का समय बढ़ाना हो, तो सदन की पूरी सहमति ली जाती है और आज सहमति नहीं है। इसके बाद आगे की चर्चा शुरू हो गई। जब बिल होता है, तब उसमें वोटिंग होती है।"

एन.डी. गुप्ता के मुताबिक, हर एक अमेंडमेंट क्लाउज पर विपक्ष ने कहा कि इस पर वोटिंग करवाइए। वोटिंग करवाने का विपक्ष का अधिकार है। नियम में यहां तक प्रावधान है कि यदि 240 सदस्यों में से 239 सदस्य बिल के पक्ष में है और अगर एक सदस्य भी वोटिंग चाहता है, तो उसकी बात माननी पड़ेगी, लेकिन उसको स्वीकार नहीं किया गया और सभी संशोधन पास होते गए। उसके बाद उसमें बिल आया और उस पर फिर डिवीजन की मांग की गई, लेकिन डिवीजन नहीं दिया गया और वह पास हो गया।

आप सांसद ने कहा कि किसानों को उनके रहमो-करम पर छोड़ दिया गया है। किसानों की आवाज उठाने वाले राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कुर्ता फाड़ दिया गया, संसद में मार्शल ने उनका पैर पकड़ खींचा और आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया। यह सरकार ऑर्डिनेंस सरकार हो गई है, इसे न स्टैंडिंग कमेटी, न सेलेक्ट कमेटी और न पार्लियामेंट में विपक्ष की जरूरत है।"(NAVJIVAN)

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