सामान्य ज्ञान
कौंच का वानस्पतिक नाम मुकुना प्रूरिएंस है और यह फाबेसी परिवार का पौधा है। यह एक औषधीय पौधा है। यह भारत के मैदानी इलाकों में झाडिय़ों के रूप में मिलता है। इस की पत्तियों, बीजों व शाखाओं का इस्तेमाल दवा के तौर पर किया जाता है। इसे किवांच भी कहा जाता है।
वजन बढ़ाने में भी कौंच का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इस के अलावा गैस, दस्त, खांसी, गठिया दर्द, मधुमेह, टीबी व मासिक धर्म की तकलीफों के इलाज के लिए भी कौंच के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। कौंच को कपिकच्छू और कैवांच वगैरह नामों से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे यौन कूवत बढ़ाने वाली दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
इसकी फसल में एल्केलाइड पाए जाते हंै। जिसके कारण अधिक मात्रा में यह विष है किन्तु कम मात्रा में दवा है। इसका मुख्य प्रयोग दमा एवं सांस के रोगों की दवा निर्माण में होता है। इसमें एल-डोपा रसायन पाया जाता है। इसके बीज, पत्ती, जड़, रोम सभी का प्रयोग औषधि में होता है। बीज में लेसिविन ग्लूकोसाइड तथा 0.5 प्रतिशत एल्केलाइड भी पाये जाते हैं। बीज में गहरे भूरे रंग का तेल पाया जाता है। इसकी फलियां सब्जी के रुप में तथा जड़ एवं रोम-पेट के कृमि तथा पित्त रोग दूर करते हैं। यह उत्तम लाभदायक फसल है।