सामान्य ज्ञान
कोस्टा कोन्कोर्डिया एक जहाज है, जिसे जल्द ही नष्ट कर दिया जाएगा, क्योंकि यह काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है। जिगोलो से निकला क्षतिगस्त कोस्टा कोन्कोर्डिया जिनोवे पहुंच गया है। इसके जंग खा चुके, टूटे फूटे हिस्सों को अब एक एक करके तोड़ा जाएगा और फिर ये जहाज इतिहास की किताब में दफ्न हो जाएगा।
इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि इतनी बुरी तरह क्षतिग्रस्त जहाज को सीधा कर उसे 280 किलोमीटर दूर जेनोवे में ले जाया गया। ये एक बहुत बड़ी चुनौती थी। कोस्टा कोन्कोर्डिया को तकनीक के सहारे भूमध्य सागर में दोबारा खड़ा कर दिया गया है। इसे फिलहाल एक प्लेटफॉर्म पर रखा गया है और बाद में उसे धीरे से हटा दिया जाएगा। इसके लिए खास तैयारियां की गई हैं। जहाज के पेंदे में हवा भरी गई है। इसके बाद जहाज को 30 मीटर पूर्व की तरफ ले जाया जाएगा, जहां पानी गहरा है। वहां इसे प्रोपेलर से जोड़ा जाएगा।
योजना है कि फिर जहाज को 10 मीटर आगे ले जाया जाए और फिर किनारे लगाने की कोशिश हो। समझा जाता है कि इस नाजुक तरीके में हफ्ता भर लग जाएगा। दोबारा तैराने की इस कार्रवाई में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं।
13 जनवरी, 2012 कोस्टा कोन्कोर्डिया के लिए मनहूस रात रही। रात करीब पौने 10 बजे यह लक्जरी जहाज हादसे का शिकार हो गया. गहरे पानी में गिरने से पहले यह कई सौ मीटर घूमता रहा। जहाज में 4 हजार लोग थे, जिनमें से 1000 क्रू सदस्य। इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और एक लापता शख्स आज तक नहीं मिला है। कई मुसाफिरों को छोटी नावों से बचाया गया। कुछ ने तो पानी में छलांग लगा दी थी। जहाज के कैप्टन फ्रांसेस्को शेटिनो को घटना के कुछ दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया।