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हैदराबाद, 30 सितंबर (आईएएनएस)| तेलंगाना सरकार लगातार चौथे साल 'बतुकम्मा' पर्व के मौके पर गरीब परिवारों की महिलाओं के बीच लगभग एक करोड़ साड़ियों का वितरण करेगी। इन 99 लाख साड़ियों का वितरण 9 अक्टूबर से शुरू होगा और इस पर सरकारी खजाने से 317.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
राज्य के मंत्री के.टी. रामाराव ने मंगलवार को कहा कि 2017 से सरकार ने चार करोड़ साड़ियों का वितरण किया। इसके लिए 30 लाख मीटर कपड़े का उत्पादन किया गया और करीब 1,033 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
महिला कल्याण मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी और सत्यवती राठौड़ के साथ बतुकम्मा के लिए साड़ियों को देखते हुए, राव ने कहा कि वितरण जिला कलेक्टरों की देखरेख और स्थानीय महिला समूहों के माध्यम से किया जाएगा। साड़ियों को 287 प्रकार के डिजाइनों के साथ तैयार किया गया है।
राज्य में इन साड़ियों के माध्यम से बुनकर समूहों की आय होती है। यह कार्यक्रम लोगों को लगातार रोजगार दे रहा है और पावरलूम बुनकरों के लिए बेहतर आय सुनिश्चित कर रहा है।
रामाराव, जिन्हें केटीआर के तौर पर जाना जाता है, उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार बुनकर समुदाय के कल्याण के लिए काम कर रही है और पिछले छह वर्षों में सरकार ने खासकर बुनकरों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। चेनेता मित्र और नेतानु कू चेयूता जैसी योजनाओं के तहत सरकार बुनकरों को सब्सिडी प्रदान कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि भारत में किसी अन्य राज्य सरकार ने इस तरह के कार्यक्रम नहीं किए हैं।
उन्होंने आगे कहा, "शिक्षा विभाग बिजली करघा बुनकरों को सरकारी स्कूल यूनिफॉर्म के ऑर्डर देता है। इसी तरह, महिला और बाल कल्याण विभाग भी आंगनवाड़ी ऑर्डर्स बुनकरों को ही देते आ रहा है और यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली केसीआर किट में साड़ी भी तेलंगाना के बुनकरों द्वारा तैयार की जाती है।"
केटीआर ने दावा किया कि बुनकर समुदाय को काम देने वाले इन सभी कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप राज्य में बुनकरों द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाता है। दशहरा, रमजान और क्रिसमस के दौरान साड़ी का वितरण किया जाता है।
उन्होंने अधिकारियों से इन साड़ियों के लिए एक ब्रांड तैयार करने को कहा जो अन्य बाजारों और राज्यों में बेची जा सकें।
बतुकम्मा तेलंगाना का पुष्प त्योहार है, जो दशहरे के आसपास मनाया जाता है। राज्यभर में इस त्योहार पर सजाए गए फूलों के चारों ओर गाना गाकर और नृत्य कर महिलाएं बतुकम्मा का जश्न मनाती हैं। नौ दिवसीय यह लोक उत्सव राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है।
साल 2014 में तेलंगाना राज्य के गठन के बाद से बतुकम्मा को राज्य उत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है।
सरकार ने साल 2017 में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी के परिवारों की महिलाओं के बीच साड़ियों का वितरण शुरू किया। हालांकि साल 2018 में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसे कार्यक्रमों को रोक दिया।