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नई दिल्ली, 1 अक्टूबर। जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट की अवमानना मामले में आए फैसले पर पुनर्विचार के लिए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की है।
अदालत ने अपने 31 अगस्त के फ़ैसले में भूषण को सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया था और सज़ा के तौर पर उन पर एक रूपये का जुर्माना लगाया था।
प्रशांत भूषण एक रूपये की जुर्माना राशि पहले ही भर चुके हैं लेकिन साथ ही उन्होंने अदालत के फ़ैसले को चुनौती भी दे दी है। भूषण ने जुर्माने का एक रूपया जमा करते हुए कहा था कि उन्हें ये फ़ैसला स्वीकार्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का दोषी कऱार दिया था।
क्या था मामला?
प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने दो ट्वीट्स को लेकर अवमानना का दोषी पाया था।
29 जून को किए गए इन ट्वीट्स में उन्होंने महंगी बाइक पर बैठे चीफ़ जस्टिस बोबडे की तस्वीर ट्वीट करते हुए टिप्पणी की थी।
दूसरे ट्वीट में उन्होंने भारत के हालात के संदर्भ में पिछले चार मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर अपनी राय ज़ाहिर की थी।
इस बारे में प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने जिसके लिए (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) उन्हें दोषी ठहराया है वो हर नागरिक के लिए सबसे बड़ा कर्तव्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अपने ट्वीट्स के लिए माफ़ी माँगने के कई मौके दिए थे लेकिन उन्होंने ऐसा करने से साफ़ इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा था कि उनके बयान सद्भावनापूर्ण थे और अगर वे माफ़ी मांगेंगे तो यह उनकी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें वो सबसे ज़्यादा विश्वास रखते हैं। (bbc/hindi)