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इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने बलूचिस्तान में लापता व्यक्तियों की बरामदगी पर पुलिस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे 'असंतोषजनक' करार दिया और दो सप्ताह के भीतर व्यापक कार्रवाई के निर्देश दिए। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति फैसल अरब और न्यायमूर्ति इजाजुल हसन के साथ ही प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने गुरुवार को हजारा समुदाय के लोगों की हत्या के खिलाफ संवैधानिक याचिकाओं पर सुनवाई की।
कार्यवाही के दौरान, पीठ ने जांच अपराध शाखा के एसएसपी मुहम्मद अकबर रायसानी की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को खारिज कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने कहा कि अगर वे इस मुद्दे पर एक विस्तृत और पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल होते हैं तो संबंधित अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया जाएगा।
पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने लापता व्यक्तियों का पता नहीं लगा पाने और अधिकारियों की विफलता पर उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने प्रधान न्यायाधीश के हवाले से कहा, "पुलिस अधिकारियों को पता नहीं है कि मामलों की जांच कैसे की जाती है। 2017 और 2018 के बीच गुमशुदगी के मामले दर्ज किए गए, जबकि उनकी रिकवरी में पुलिस का प्रदर्शन शून्य रहा है।"
इसके अलावा अदालत ने बलूचिस्तान में रोजाना होने वाले वाहन तस्करी, हवाई फायरिंग और अन्य अपराधों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।
अदालत ने सुनवाई को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है।