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नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| वेतन नहीं मिलने से नाराज उत्तरी दिल्ली नगर निगम के हिंदू राव अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि उनके तीन महीने के बकाए को नहीं दिया गया तो वे अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करेंगे।
लगभग 109 दिनों से (जून से) अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ के सदस्यों को भुगतान नहीं किया गया है। रेजिडेंट्स वर्तमान में एक सप्ताह के लिए सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक 'पेन डाउन स्ट्राइक' (अस्पताल आकर काम नहीं करना) पर हैं। नॉर्थ एमसीडी में कम से कम 1,000 सीनियर डॉक्टर, 500 रेजिडेंट डॉक्टर और 1,500 नर्सिग ऑफिसर कार्यरत हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम आयुक्त को लिखे पत्र में, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा, "हम वेतन के समय पर वितरण के लिए लगातार मांग करते रहे हैं, लेकिन पिछले 6 महीनों से कोई कदम नहीं उठाया गया है। वर्तमान में, 3 महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।"
इसमें कहा गया है, "हम आपसे 3 महीने का वेतन जारी करने और हमें तत्काल स्थायी समाधान देने के लिए दृढ़ता से आग्रह करते हैं। हम घोषणा करने के माफी चाहते हैं कि यदि उल्लेखित मुद्दों को हल नहीं किया तो हम 'कोई वेतन नहीं, कोई काम नहीं' के आधार पर अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे।"
एसोसिएशन ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश और अतीत में दोहराए गए मुद्दों के बावजूद, नॉर्थ एमसीडी के डॉक्टरों और कर्मचारियों का वेतन तीन महीने से अधर में लटका हुआ है और अब यह चौथा महीना चल रहा है। आरडीए अध्यक्ष अभिमन्यु सरदाना द्वारा लिखे गए पत्र में आगे कहा गया है कि यह मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मानवाधिकारों, मानदंडों के साथ-साथ अदालत की अवमानना का बुनियादी उल्लंघन है।
डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि एनडीएमसी अस्पतालों में समय-समय पर यह एक ट्रेंड बन गया है कि वेतन को नियमित नहीं किया जाता है, और स्वास्थ्यकर्मी महामारी के समय में काफी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
हिंदू राव अस्पताल के अलावा, महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल, कस्तूरबा अस्पताल, गिरधारी लाल मैटरनिटी हॉस्पिटल और राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मनेरी मेडिसिन एंड ट्यबरकुलोसिस जैसे अन्य अस्पतालों के डॉक्टरों और नर्सो भी बकाया भुगतान न करने का विरोध किया है।
इस बीच, इमरजेंसी को छोड़कर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ दिल्ली गवर्नमेंट के महर्षि वाल्मीकि अस्पताल ने मंगलवार सुबह से अस्पताल में सभी आवश्यक और गैर-आवश्यक सेवाएं वापस ले ली हैं।
यह तब हुआ जब अस्पताल ने एक मरीज और उसके परिचारक पर ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के लिए एफआईआर दर्ज नहीं कराई।
--आईएएनएस