सामान्य ज्ञान
स्वच्छ भारत, भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सडक़ों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना है। यह अभियान महात्मा गांधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर 2014 को आरम्भ किया गया।
वर्ष 2015 अगस्त तक प्राप्त हुई रिपोर्टों के आधार पर इस अभियान के तहत गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा ने घरों में शौचालयों के निर्माण की दृष्टि से बेहतर प्रदर्शन किया है। मार्च 2016 तक शहरी क्षेत्रों में 25 लाख घरों में शौचालयों के निर्माण का जो लक्ष्य है, उसमें से 16 लाख 45 हज़ार शौचालय उपयोग किये जाने शुरु हो चुके हैं और 4 लाख 65 हज़ार शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। कुछ प्रमुख शहरों, जिनमें उत्तर प्रदेश, बिहार तथा तमिलनाडु शामिल हैं, ने इस दिशा में अभी भी गति नहीं पकड़ी है। इनके अनुसार, केरल तथा तमिलनाडु के साथ-साथ पांच केंद्र शासित प्रदेशों - अंदमान तथा निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दमन तथा दिउ, दादरा तथा नगर हवेली तथा दिल्ली और चार उत्तर-पूर्वी राज्यों - अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मेघालय तथा त्रिपुरा - में शौचालयों का निर्माण अभी शुरु भी नहीं हुआ है।
शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक शौचालय के निर्माण के लिए केंद्र द्वारा दी जा रही 4 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के अलावा, 13 राज्य 4 हजार से लेकर 13 हजार रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी उपलब्ध करा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के संबंध में सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, मार्च 2016 तक एक लाख टॉयलेट सीटों के निर्माण के लक्ष्य के मुकाबले 94 हजार 653 टॉयलेट सीट उपयोग होनी शुरु हो चुकी हैं और 24 हजार 233 सीटों का निर्माण शुरु हो चुका है।
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत 66 हजार 9 करोड़ रुपये की लागत पर 1.04 करोड़ व्यक्तिगत शौचालय तथा 5.28 लाख सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण और ठोस कचरे का शत-प्रतिशत डोर-टु-डोर कलैक्शन तथा इसका वैज्ञानिक तरीकों से निबटारा करने का लक्ष्य रखा गया है। शहरी विकास मंत्रालय अब तक 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को 1.038. 72 करोड़ रुपये जारी कर चुका है। केंद्र शासित प्रदेश - अंदमान तथा निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दमन तथा दिउ, दादरा तथा नगर हवेली और उत्तर-पूर्वी राज्य - मणिपुर के लिये अब तक कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।