विचार / लेख
- महेश झा
फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारीन ने फैशन पत्रिका के लिए तस्वीरें क्या खिंचवाई उनके पेशेवर बर्ताव पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई. उनकी शुरू में तो आलोचना हुई फिर समर्थक भी खड़े हो गए. कैसी तस्वीर खिंचवाई प्रधानमंत्री ने?
तस्वीर में प्रधानमंत्री को लो कट ब्लेजर पहने और ज्वेलरी के साथ दिखाया गया है. तस्वीर के सामने आने के बाद आलोचकों का कहना है कि पोशाक शरीर का प्रदर्शन करने वाली है और उनकी हैसियत की महिला के लिए पेशेवर अंदाज वाली नहीं है.
सना मारीन 34 साल की हैं और 10 दिसंबर 2019 से देश की प्रधानमंत्री हैं. वे 2015 से देश की संसद में सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी की सदस्य हैं और प्रधानमंत्री बनने से पहले करीब छह महीने परिवहन और संचार मंत्री रह चुकी हैं. 34 साल की उम्र में वे दुनिया की तीसरी सबसे कमउम्र वाली सरकार प्रमुख हैं. वे फिनलैंड की अब तक की सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं और दुनिया की अब तक की सबसे कमउम्र महीला सरकार प्रमुख भी.
फैशन पत्रिका में उनकी तस्वीरों पर हुई भारी आलोचना के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के लिए समर्थन की बाढ़ आ गई. उन्होंने #iamwithsanna के साथ प्रधानमंत्री के समर्थन में पोस्ट किए. उसके बाद बहुत से पुरुषों और महिलाओं ने उसी तरह की ब्लेजर पहने अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं.
#iamwithsanna https://t.co/Bdu9jvw2Bw
— Pirkko pitää maskia (@PirkkoPiirainen) October 12, 2020
मारीन के समर्थकों का कहना है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कहीं ज्यादा उनके पहनावे के आधार पर देखा जाता है. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का हवाला दिया है जिनकी टॉपलेस तस्वीरें आती रही हैं. पुरुष राजनीतिज्ञों की इसी तरह की कुछ और तस्वीरों के हवाले से कहा गया है कि उनके व्यवहार को गैरपेशेवराना नहीं कहा गया था.
अभी इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री ने की है शादी
इसी महीने 16 वर्षीया आवा मूर्तो ने संयुक्त राष्ट्र के गर्ल्स टेकओवर प्रोग्राम के तहत एक दिन के लिए फिलनैंड की प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी. दक्षिण फिनलैंड के एक छोटे से गांव से आने वाली मूर्तो ने प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट सदस्यों और सांसदों से बातचीत की.
Tänään vietetään YK:n kansainvälistä tyttöjen päivää.
— Valtioneuvosto | Statsrådet (@valtioneuvosto) October 11, 2020
Suomi haluaa edistää teknologian tasa-arvoa. On tärkeää, että tytöt pääsevät käyttämään ja kehittämään teknologiaa globaalisti myös kehittyvissä maissa.#tyttöjenpäivä #tyttöjenpuolella #GirlsTakeover pic.twitter.com/gaMIlinOYp
मूर्तो और मारीन ने इस बात पर भी चर्चा की 55 लाख की आबादी वाला तकनीकी रूप से अगुआ फिनलैंड लड़कियों के लिए ज्यादा मौके उपलब्ध कराने के लिए क्या कर सकता है. दोनों प्रधानमंत्रियों ने लैंगिक बराबरी पर भी बातचीत की और कहा कि इंटरनेट पर लड़कियों को परेशान करना दुनिया भर में प्रमुख मुद्दा रहेगा.
सना मारीन की यह तस्वीर पिछले हफ्ते फैशन पत्रिका ट्रेंडी के इंटाग्राम पेज पर छपी थी. पत्रिका को दिए गए एक इंटरव्यू में सना मारीन ने दबाव और थकान की बात की थी और अपने काम के बारे में कहा था कि यह सामान्य नौकरी नहीं है, सामान्य जिंदगी भी नहीं है, बल्कि कई तरह से बहुत बोझ वाली है.(dw)
रिपोर्ट महेश झा