सामान्य ज्ञान
भारत में आयुर्वेद एक स्थापित चिकित्सा पद्धति है जिसमें कई पेड़ पौधों, जड़ों, फूलों से इलाज किया जाता है। हर देश के अपने खास पेड़ पौधे हैं जिनका इस्तेमाल किसी न किसी बीमारी को ठीक करने के लिए किया जाता है। इनमें प्रमुख हैं-
लहसुन- यह दक्षिण एशियाई देशों में प्रचुरता से इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से न केवल कोलेस्ट्रॉल कम होता है बल्कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। उच्च रक्तचाप को यह कम करता है और बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। इसका रस और गोली दोनों बाजार में उपलब्ध है।
जंगली एलोवेरा- जंगली एलोवेरा प्राकृतिक रूप से संरक्षित प्रजाति है। इसकी पत्तियों से निकलने वाला रस त्वचा की बीमारियों, जलने और सनबर्न के इलाज के लिए काम में आता है। इतना ही नहीं यह त्वचा को नमी देता है।
हल्दी- हल्दी अदरक की प्रजाति का पौधा है। कील मुंहासों पर लेप के रूप में इसे लगाने से या दूध में मिला कर त्वचा में लगाने से रंग निखरता है। गर्म दूध में लेने से कफ और खांसी ठीक होती है। दिल की बीमारियों में भी यह काफी लाभदायक मानी जाती है।
आर्टिचोक- आर्टिचोक कहे जाने वाला ये पौधा मिस्र और रोम में काफी इस्तेमाल किया जाता था। यह पेट से जुड़ी बीमारियों को ठीक कर सकता है। इसमें फ्लेवोनॉयड पाया जाता है। इसकी पत्तियों का सूखा पावडर या फिर जूस बनाया जाता है।
दालचीनी- शहद और दालचीनी का मिक्स दिल, खांसी, सर्दी जुकाम के लिए अच्छा बताया जाता है। हालांकि इसे किस अनुपात में मिक्स करना है, यह अच्छे से पता होना चाहिए। वैसे दालचीन तो भारतीय गरम मसाले का अहम हिस्सा है।
बिच्छू घास- बिच्छू घास के नाम से लोकप्रिय यह जंगली घास अगर छू जाए तो जलन पैदा करती है, लेकिन काढ़े या रस के तौर पर इसका सत्व गठिया या किडनी के छोटे स्टोन में फायदा पहुंचा सकता है। इतना ही नहीं इसकी जड़ों का रस प्रोस्टेट और ब्लैडर की बीमारियों को ठीक कर सकता है।
अदरक- अदरक भारतीय रसोई का अहम साथी है। यह जड़ के रूप में मिलता है। यह भूख बढ़ाता है और पाचन अच्छा करता है। साथ ही यह शरीर में जमा कफ पिघला देता है। ठंड में अदरक की चाय बेहद असरदार साबित होती है।
कैमोमिल- बबूने का फूल या कैमोमिल यूरोप में बहुत लोकप्रिय है। इस छोटे से फूल को आज पूरी दुनिया जानती है। इस फूल की पत्तियों से निकला अर्क पेट की बिमारीयों और त्वचा पर आई सूजन को ठीक कर सकता है।
पैशन फ्रूट- पैशन फ्रूट का रस खट्टा मीठा होता है, लेकिन इसका फूल जिसे राखी का फूल भी कहा जाता है, वह काफी काम का है। इसकी पंखुडिय़ों का अर्क घबराहट, हल्के विषाद, नींद में खलल, रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाली परेशानियों से निजात दिलाता है।
लौंग- सर्दी जुकाम में लौंग बढिय़ा होती है। दांत दर्द होने पर लौंग बहुत फायदा करती है। इसका तेल बहुत तीखा और एंटीबायोटिक के गुणों वाला होता है। ॉ