सामान्य ज्ञान
सरल प्रकार के डोर क्लोजर में केवल कुंडल कमानी होती है। यह द्वार को आपेक्षित तीव्रता से बंद करती है। अन्य प्रकार की युक्ति शॉक अवशोषक के सिद्घांत पर कार्य करती है। इसके सिलिंडर में गति करने वाला पिस्टन धीरे-धीरे छिद्रों के द्वारा तेल को बलपूर्वक भेजता है। जब दरवाजा खुलता है तो पिस्टन वापस हो जाता है और एक बॉल वाल्व से तेल सिलिंडर में पिस्टन के दक्षिण क्षेत्र में प्रवाह करता है। दरवाजा छोडऩे पर यह कमानी से बंद हो जाता है। पिस्टन दक्षिण दिशा में पुन: भ्रमण करता है और तेल को मार्ग द्वारा वापस वाम क्षेत्र में बलपूर्वक भेजता है। प्रारंभ में गति तीव्र होती है, क्योंकि तेल दो मार्गों के द्वारा प्रवाह करता है, परंतु यह गति मंद हो जाती है, क्योंकि तेल दो मार्गों के द्वारा प्रवाह करता है, परंतु यह गति मंद हो जाती है, क्योंकि पिस्टन के बढऩे से प्रगामी बंद हो जाती है। इसमें एक नियंत्रण पेंच भी लगा होता है।