अंतरराष्ट्रीय

न्यूजीलैंड चुनाव में प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न को मिली बड़ी जीत
17-Oct-2020 5:35 PM
न्यूजीलैंड चुनाव में प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न को मिली बड़ी जीत

न्यूजीलैंड, 17 अक्टूबर। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न की पार्टी ने शनिवार को हुए आम चुनावों में भारी जीत हासिल की है। अधिकतर मत गिने जा चुके हैं। अभी तक आए नतीजों में आर्डर्न की लेबर पार्टी को 49 फीसदी वोट मिले हैं और उम्मीद की जा रही है कि वो न्यूजीलैंड की राजनीति में दुर्लभ बहुमत हासिल कर लेंगी। विपक्षी मध्य-पंथी नेशनल पार्टी को अब तक 27 फीसदी वोट मिले हैं और पार्टी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है।
नेशनल पार्टी की नेता जूडिथ कॉलिंस ने जेसिंडा आर्डर्न को मुबारकबाद देते हुए अपनी हार स्वीकार कर ली है। ये चुनाव एक महीना पहले सितंबर में होने थे लेकिन कोविड महामारी की वजह से इन्हें आगे बढ़ा दिया गया था। मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे शुरू हुआ और शाम सात बजे खत्म हो गया।लेकिन तीन अक्तूबर को शुरू हुए जल्द मतदान में दस लाख के करीब लोगों ने वोट डाल दिया था। न्यूजीलैंड में आम चुनावों के साथ-साथ लोगों से दो जनमतसंग्रहों पर भी मदतान करवाया गया है।
क्या पूर्ण बहुमत हासिल कर लेंगी आर्डर्न?
चुनाव आयोग के मुताबिक लेबर पार्टी को 49 फीसदी, नेशनल पार्टी को 27 फीसदी और ग्रीन और एक्ट न्यूजीलैंड पार्टी को 8-8 फीसदी वोट मिले हैं।
नेशनल पार्टी की नेता जूडिथ कॉलिंस ने जेसिंडा आर्डर्न को मुबारकबाद दे दी है।
जीत के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए आर्डर्न ने कहा, न्यूजीलैंड ने लेबर पार्टी को पचास सालों में सबसे बड़ा समर्थन दिया है। हम आपके समर्थक को हल्के में नहीं लेंगे. मैं ये वादा करती हूं कि हमारी पार्टी न्यूजीलैंड के हर नागरिक के लिए काम करेगी। 
आर्डर्न की पार्टी को 64 सीटें मिल सकती हैं। न्यूजीलैंड में 1996 में लागू हुई नई संसदीय प्रणाली (एमएमपी) के बाद से किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ है। चुनावों से पहले विश्लेषकों ने आर्डर्न की पार्टी को इतनी बड़ी जीत मिलने पर संदेह जाहिर किया था।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड की प्रोफेसर जेनिफर कर्टिन ने कहा था कि इससे पहले भी पार्टी नेताओं को बहुमत मिलने की उम्मीदें जाहिर की गईं थीं लेकिन वो नाकाम रहे थे।
उन्होंने कहा था, न्यूजीलैंड के मतदाता रणनीतिक मतदान करते हैं और अपना वोट पार्टियों में बांटते हैं। करीब तीस प्रतिशत मतदाता छोटी पार्टियों को वोट देते हैं, ऐसे में लेबर पार्टी का 50 फीसदी वोट हासिल करना मुश्किल होगा।
आर्डर्न ने अपने चुनाव अभियान में पर्यावरण संबंधी नीतियां लाने, पिछड़े स्कूलों के लिए अधिक फंड मुहैया कराने और अधिक आय वाले लोगों पर अतिरिक्त कर लगाने का वादा किया था।
न्यूजीलैंड में कैसे होता है चुनाव?
न्यूजीलैंड में हर तीन साल में आम चुनाव होते हैं. एमएमपी चुनाव व्यवस्था के तहत मतदाताओं से अपनी पसंदीदा पार्टी और संसदीय सीट के प्रतिनिधि के लिए अलग-अलग वोट देने के लिए कहा जाता है।
संसद में दाखिल होने के लिए एक पार्टी को कम से कम पांच फ़ीसदी पार्टी वोट या फिर संसदीय सीट जीतनी होती है। माओरी समुदाय के उम्मीदवारों के लिए भी सीटें सुरक्षित होती हैं।
सरकार बनाने के लिए 120 में से 61 सीटें जीतना अनिवार्य होता है। लेकिन एमएमपी लागू होने के बाद से कोई भी पार्टी अकेले अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी है। आमतौर पर पार्टियों को मिलकर काम करना होता है और सरकार गठबंधन से चलती है।
इस व्यवस्था के तहत छोटी पार्टियों की भूमिका भी अहम हो जाती है। 2017 के चुनावों में नेशनल पार्टी को सबसे ज़्यादा सीटें मिलीं थीं लेकिन वो सरकार नहीं बना सकी थी। तब आर्डर्न की लेबर पार्टी ने ग्रीन पार्टी और न्यूजीलैंड फस्र्ट पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news