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रायपुर, 17 अक्टूबर। शिक्षा अपने मूल में सामाजीकरण की एक प्रक्रिया है। जब-जब समाज का स्वरूप बदला शिक्षा के स्वरूप में भी परिवर्तन की बात हुई। आज कोरोना संकट के दौर में ऑनलाइन शिक्षा और परिचर्चा के जरिये लोग जुड़ रहे है और अपना ज्ञान सबके साथ सांझा कर रहे है।
इसी कड़ी में कृति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स भी ऑनलाइन परिचर्चा के जरिए बच्चों से लगातार जुड़ रहा है और बेहतर भविष्य की तरफ अग्रसर हो रहे है। ऐसा ही कुछ आपको कृति स्कूल ऑफ बुसिनेस मैनेजमेंट में देखने को मिला जहां के फैकल्टी कुनिका श्रीवास्तव ने ग्राहकों की संतुष्टि के स्तर का आंकलन के विषय पर परिचर्चा संचालित की और छात्रों विशेषज्ञों के साथ अपना ज्ञान सांझा किया। इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य आज के समय में कोरोना महामारी के वजह से हो रहे निरंतर बदलाव और उपभोक्ताओं को कैसे विभिन्न तरीकों सेसंतुष्ट किया जा सकता है इस पर प्रकाश डालना था। इस विषय से छात्रों के अंक तो सुधरेंगे ही बल्कि ये उनके असल जीवन में भी बहुत फायदेमंद साबित होगा। यह विषय छात्रों को बहुत ही रोचक ही ज्ञात हुआ साथ ही इसकी बारीकी समझाने के लिए अध्यापिका के द्वारा विभिन्न चित्रों एवं आकर्षक प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
कृति ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के निर्देशक अभिषेक अग्रवाल ने इस विशेष परिचर्चा को लेकर कहा कि जिस तेजी से टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, उस हिसाब से हम भी अपने छात्रों व लोगों से जुडऩे के विभिन्न तरीके का उपयोग कर रहे है। इस प्रकार से सिर्फ छात्रों का ही नहीं बल्कि बाहर से जुड़े लोगों की भी ज्ञान में वृद्धि होती है।