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भारत में डाक के लिए शुरू हुई थी हवाई सेवा
18-Oct-2020 7:53 AM
भारत में डाक के लिए शुरू हुई थी हवाई सेवा

15 अक्टूबर,  1932 में आज ही के दिन टाटा कंपनी के हवाई जहाज ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। भारत सरकार द्वारा अधिग्रहण के बाद यही कंपनी एयर इंडिया कहलाई।
15 अक्टूबर 1932 की इस उड़ान के पीछे टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी के मालिक जेआरडी टाटा और नेविल विन्सेंट की कोशिशें थीं। आज ही के दिन टाटा की पहली उड़ान में जेआरडी टाटा कराची से एक हवाई जहाज में मुंबई आ पहुंचे। इस हवाई जहाज में डाक थी। मुंबई के बाद विन्सेंट यह जहाज उड़ा कर मद्रास तक ले गए। आरंभ में इस कंपनी के पास महज दो छोटे जहाज थे और एक पायलट था जिसकी मदद जेआरडी टाटा और विन्सेंट दोनों किया करते थे।
अपने प्रारंभिक दिनों में यह कंपनी केवल कराची से चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) के बीच एक साप्ताहिक सेवा चलाती थी। यह सेवा शुरुआत में डाक के लिए शुरू की गई थी। उड़ान कराची से शुरू होकर अहमदाबाद और मुंबई होते होते चेन्नई में खत्म होती थी। बहुत लंबे समय तक यह कंपनी अपने राजस्व के लिए भारत पर काबिज ब्रितानी सरकार की डाक पर ही आश्रित थी। पहले साल कंपनी के विमानों ने लगभग 2.5 लाख किलोमीटर उड़ान भरी जिसमें 10.71 टन डाक और 155 यात्री शामिल थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार टाटा एयर मेल ने पहले ही साल में 60 हजार रुपये का मुनाफा कमाया, वर्ष 1937 तक यही मुनाफा बढ़ कर छह लाख तक पहुंच गया। इस कंपनी ने अपनी पहली पूर्ण यात्री सेवा कुछ साल बाद मुंबई से त्रिवेंद्रम के बीच में शुरू की। वर्ष 1938 में कंपनी को टाटा एयर सर्विसेस और फिर उसी साल बदल कर टाटा एयरलाइंस नाम दिया गया। इस समय तक दिल्ली से त्रिवेंद्रम तक की उड़ान भी शुरू हो चुकी थी। वर्ष 1953 में जब यह कंपनी बंद हो गई तो भारत सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया। यही कंपनी आगे चल कर एयर इंडिया बनी।
 

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