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रायपुर, 18 अक्टूबर। रामाकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मेडिकल व मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद अन्य क्षेत्रों के साथ चिकित्सा में भी विकास की प्रचुर संभावनाएं विद्यमान थी। 16 वर्ष पहले गंभीर रोगों जैसे कि कैंसर, हृदय, लीवर, किडनी मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय स्तर के सुपरस्पलेशलिटी हॉस्पिटल उपलब्ध नहीं थे। इसी बात को ध्यान में रखकर हमने रामकृष्ण केयर की स्थापना की। लगन, कठिन परिश्रम व विशेषज्ञता के कारण यह अस्पताल तेजी से उन्नति करता रहा, शुरूआती 25 बेड्स से 2009 तक 215 बेड्स एवं 2017 में बढक़र 415 बेड्स वाला सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल बन गया था। ये 16 वर्ष गौरवशाली उपलब्धियों से भरे रहे हैं। अस्पताल को यशस्वी पुरस्कार जैसे मदर टेरेसा साइटेशन केयर अवार्ड, डॉ. बीसी राय पुरस्कार, नर्सिंग एक्सीलेंसी अवार्ड, एमीनेंस अवार्ड, हेल्थ केयर एक्सीलेंस अवार्ड तथा अन्य सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है।
डॉ. दवे ने बताया कि अस्पताल की पहचान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे मध्य भारत में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं के लिये बनी हुई है। मरीजों के प्रति सेवा भावना भी होना जरूरी है। इसमें मरीजों को चिकित्सा का लाभ पहुंचाना पहली प्राथमिकता है। स्थापना के बाद से ही रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के हॉस्पिटल में चिकित्सा की उन्नत तकनीक व सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर रहा है। टीएवीआर लिवर व किडनी ट्रांसप्लाटेशन करने एवं एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा देने में एवं ब्लडलेस सर्जरी के लिए रामकृष्ण केयर हॉस्पीटल को छत्तीसगढ़ राज्य का प्रथम हॉस्पिटल होने का गौरव प्राप्त है। 16वें स्थापना वर्ष पर किडनी व लिवर के गंभीर रोगियों के लिये गहन चिकित्सा ईकाई (आईसीयू) का शुभारंभ किया गया है।