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ढाका में जनरल नियाज़ी ने हथियार डाले थे पर 'ग़द्दार' नेताओं को कहा जाता है-नवाज़ शरीफ़
19-Oct-2020 3:29 PM
ढाका में जनरल नियाज़ी ने हथियार डाले थे पर 'ग़द्दार' नेताओं को कहा जाता है-नवाज़ शरीफ़

इक़बाल अहमद

पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी महागठबंधन की पहली रैली, और कोरोना से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में थीं.
पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ विपक्ष ने एक साथ मिलकर मोर्चा खोल दिया है.

20 सितंबर को पाकिस्तान की सभी विपक्षी पार्टियों ने इस्लामाबाद में मिलकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था और इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने विपक्षी पार्टियों की एकजुटता पर हमला करते हुए उन्हें 'डाकुओं की एकता' क़रार दिया था.

लेकिन विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को (16 अक्टूबर) को पंजाब प्रांत के गुजरानवाला में एक शानदार रैली कर अपने सरकार विरोधी अभियान की शुरुआत की.

इस मौक़े पर पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग (नून) के नेता नवाज़ शरीफ़ ने भी वीडियो लिंक के ज़रिए रैली को संबोधित किया.

नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी क़रार दिए जा चुके हैं लेकिन इन दिनों अपनी ख़राब सेहत का इलाज कराने के लिए लंदन में हैं.

इमरान ख़ान और सेना प्रमुख पर निशाना

एक्सप्रेस अख़बार ने लिखा है, "विपक्षी महागठबंधन का सरकार विरोधी पहला पावर शो."

नवाज़ शरीफ़ पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना पर जमकर हमले कर रहे हैं. इस्लामाबाद के भाषण में भी उन्होंने कहा था, "मेरी लड़ाई इमरान ख़ान से नहीं है, बल्कि उनको सत्ता में बिठाने वालों (सेना की तरफ़ इशारा करते हुए) से है."

शुक्रवार को गुजरानवाला में भी उन्होंने सेना पर निशाना लगाना जारी रखा.

नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान के स्थानीय समयानुसार रात के साढ़े ग्यारह बजे अपने भाषण की शुरुआत की लेकिन उस वक़्त भी गुजरानवाला का जिन्ना स्टेडियम लोगों से भरा हुआ था.

अख़बार के अनुसार नवाज़ शरीफ़ ने मौजूदा सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा पर बाज़ाब्ता नाम लेकर निशाना साधा.

उनका कहना था, "हमारी अच्छी भली चलती सरकार को आपने रुख़सत करवाया. मुल्क और क़ौम को अपनी इच्छाओं की भेंट चढ़ाया, सांसदों की ख़रीद-फ़रोख़्त आपने दोबारा शुरू करवाई, जजों से ज़ोर ज़बरदस्ती से आपने फ़ैसले लिखवाए."

जनरल बाजवा पर निशाना साधते हुए नवाज़ शरीफ़ ने कहा, "आप ने चुनाव में जनता के जनादेश को रद्द करके, अपनी मर्ज़ी के निकम्मे गिरोह को देश पर थोप दिया."

नवाज़ शरीफ़ ने मौजूदा सेना प्रमुख पर तो हमला किया ही, पूरी पाकिस्तानी सेना की संस्था और उसके इतिहास पर भी नवाज़ शरीफ़ जमकर बरसे.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में सिविल सरकारों को अपना कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया जाता और जनता के ज़रिए चुने गए नेताओं को 'ग़द्दार' कहा जाता है.

इस पर नवाज़ शरीफ़ ने कहा, "ढाका में जनरल नियाज़ी ने दुनिया की तारीख़ में पहली मरतबा खुले आम अपमानजनक तरीक़े से हथियार डाले, लेकिन ग़द्दार कौन है?

राजनेता. ग़द्दार कौन है? नवाज़ शरीफ़. ग़द्दार कौन है? बेनज़ीर भुट्टो. पाकिस्तान में देशभक्त वो लोग कहलाते हैं जिन्होंने संविधान के ख़िलाफ़ काम किया और देश तोड़ा."

इमरान ख़ान ने नवाज़ शरीफ़ के पहले दिए गए बयान पर कहा था कि नवाज़ शरीफ़ के सेना के ख़िलाफ़ बयान पर भारत में ख़ुशियां मनाई जा रहीं हैं.

विपक्षी गठबंधन के एक प्रमुख नेता मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने इमरान ख़ान के इस बयान का जवाब गुजरानवाला में दिया.


रैली को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा, "भारत ने उस वक़्त ख़ुशियां मनाई थीं, जब पाकिस्तान के चुनाव में धांधली हुई थी, जब एक नक़ली प्रधानमंत्री को देश पर थोपा गया था. आप पाकिस्तान के एजेंडे पर सत्ता में नहीं आए हैं, आप इसराइल या अमरीका के एजेंडे पर सत्ता में आए हैं."



 

इमरान ख़ान ने भी किया पलटवार
सेना के बारे में मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा, "सेना से हमारी कोई लड़ाई नहीं है. लेकिन अगर आप देश की सरहदों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी से हटकर राजनीति में हस्तक्षेप करते हैं, संविधान के ख़िलाफ़ काम करते हैं, धांधलियां करवाते हैं तो फिर आपके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना हमारा नहीं तो फिर किसका काम है."

पीडीएम का दूसरा जलसा पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में रविवार (18 अक्टूबर) को होगा.
अख़बार जंग ने लिखा है, "पीडीएम का दूसरा पावर शो आज कराची में होगा."

इसके लिए सारी तैयारियाँ कर ली गईं हैं. नवाज़ शरीफ़ इस रैली को भी वीडियो लिंक के ज़रिए संबोधित कर सकते हैं लेकिन पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के आसिफ़ अली ज़रदारी बीमार होने की वजह से रैली में शामिल नहीं होंगे. हालांकि उनकी पार्टी ही इस रैली की मेज़बानी कर रही है.

इमरान ख़ान ने भी नवाज़ शरीफ़ पर पलटवार किया है.
उन्होंने कहा, "नवाज़ शरीफ़ एक गीदड़ की तरह दुम दबाकर भाग गया और वहां बैठकर सेना प्रुमख और आईएसआई (पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी) के ख़िलाफ़ बातें कर रहे हैं. नवाज़ शरीफ़ ने सिर्फ़ जनरल क़मर जावेद बाजवा पर नहीं, पूरी पाकिस्तानी फ़ौज पर हमला किया है."

इमरान ख़ान ने कहा कि नवाज़ शरीफ़ के इस भाषण के बाद आप एक नए इमरान ख़ान को देखेंगे.

अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि "कभी-कभी सोचता हूं, विपक्षी नेताओं को माफ़ कर दूं, मेरी ज़िंदगी आसान हो जाएगी. लेकिन ये पाकिस्तान के लिए तबाही का रास्ता है. ज़िंदगी में कभी-कभी मुश्किल फ़ैसले करने पड़ते हैं और वही फ़ैसले आपको ऊपर ले जाते हैं." (bbc.com)

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