विचार / लेख

रेखा शर्मा 'लव जिहाद' पर घिरीं, महिला आयोग से हटाने की मांग
21-Oct-2020 5:43 PM
रेखा शर्मा 'लव जिहाद' पर घिरीं, महिला आयोग से हटाने की मांग

राष्ट्रीय महिला आयोग के मुताबिक़, "इस दौरान उन्होंने राज्यपाल से राज्य के कोविड सेंटर्स में महिला मरीज़ों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़, वन स्टॉप सेंटर की निष्क्रियता और लव जिहाद के मामलों में बढ़ोतरी पर चर्चा की."

आयोग की एक प्रेस विज्ञप्ति और न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, रेखा शर्मा ने राज्यपाल से कहा कि महाराष्ट्र में 'लव जिहाद' के मामले बढ़ रहे हैं.

बातचीत में उन्होंने आपसी सहमति से दो अलग धर्मों के लोगों के विवाह और लव जिहाद के बीच अंतर को रेखांकित किया और कहा कि इसपर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है.

यहाँ विवाद इस बात पर उठ खड़ा हुआ कि उन्होंने 'लव जिहाद' टर्म का इस्तेमाल किया.

दरअसल केंद्र की मोदी सरकार फरवरी में ख़ुद संसद में कह चुकी है कि मौजूदा क़ानूनों में 'लव जिहाद' टर्म परिभाषित नहीं है और किसी भी केंद्रीय एजेंसी ने इससे जुड़े केस को रिपोर्ट नहीं किया है.

संसद में लिखित सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार को जानकारी है कि केरल हाई कोर्ट ने कहा है कि लव जिहाद किसी चीज़ को कहा ही नहीं जाता है.

इस सवाल के जवाब में 4 फरवरी 2020 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था- लव जिहाद शब्द को मौजूदा क़ानूनों के तहत परिभाषित नहीं किया गया है. 'लव जिहाद' का कोई मामला किसी केंद्रीय एजेंसी ने रिपोर्ट नहीं किया है."

इस दौरान सरकार की ओर से ये भी कहा गया कि संविधान ने सभी को किसी भी धर्म को अपनाने और उसका प्रचार करने की आज़ादी दी है.

हालाँकि कई दक्षिण पंथी समूह हिंदू लड़की और मुसलमान लड़के के बीच शादी के लिए 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करते हैं और आरोप लगाते हैं कि हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करवाकर शादी कर ली जाती है.

यही वजह है कि इस बात को लेकर बहस छिड़ गई कि महिला आयोग की प्रमुख कैसे इस शब्द का इस्तेमाल कर रही हैं और किन आँकड़ों के आधार पर 'लव जिहाद' के मामले बढ़ने की बात कह रही हैं, जबकि केंद्र सरकार ख़ुद इस बात से इनकार कर चुकी है.

सोशल मीडिया पर घिरीं

राष्ट्रीय महिला आयोग ने रेखा शर्मा और राज्यपाल कोश्यारी की मुलाक़ात की तस्वीरें और जानकारी ट्विटर पर शेयर की थी. जिसके कुछ वक़्त बाद सोशल मीडिया पर रेखा शर्मा सवालों से घिर गईं.

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने कड़ी प्रतिक्रया दी है. एक ट्विटर यूज़र देबिप्रसाद मिश्रा ने आयोग के ट्वीट पर जवाब देते हुए लिखा, "क्या एनसीडब्ल्यू और उसकी प्रमुख ये स्पष्ट करेंगी कि 'लव जिहाद' से उनका क्या मतलब है? क्या आप इसे उसी अर्थ के साथ इस्तेमाल कर रही हैं, जैसे कुछ अतिवादी समूह कर रहे हैं? अगर हाँ, तो क्या आप बिना किसी क़ानूनी आधार के उनकी विचारधारा का समर्थन कर रही हैं?"

पल्लवी नाम की यूज़र ने सवाल उठाया कि क्या भरोसा किया जा सकता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग उन मामलों को उठाएगी, जिनमें दूसरे धर्म में शादी करने के लिए महिलाओं पर हमला किया जाता है और उन्हें मार तक दिया जाता है.

पल्लवी ने ये भी लिखा, "ये अपमानजनक है, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अपराधों के लिए राज्य की उदासीनता के साथ अतिवाद और असहिष्णुता बढ़ रही है. क्या वास्तव में किसी धर्म को निशाना बनाने के लिए 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल करना संवैधानिक है?"

वहीं एक अन्य यूज़र शाहना यास्मीन ने लिखा, "एनसीडब्ल्यू को कौन-से 'लव जिहाद' के मामले मिले हैं. क्या रेखा शर्मा 5 दिखा सकती हैं?"

अभिनेत्री उर्मिला मतोंडकर ने भी ट्वीट किया है कि इस देश में महिलाएँ कभी भी सुरक्षित कैसे हो सकती हैं, जब ऐसा सिलेक्टिव एजेंडा चलाने वाली महिला ऐसे आयोग का नेतृत्व कर रही हैं?

कथित पूराने ट्वीट ने बढ़ाई और मुश्किलें

रेखा शर्मा की मुश्किलें उस वक़्त और बढ़ गई जब कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने कुछ विवादित ट्वीट शेयर कर दावा किया कि ये उनके कई साल पहले पुराने ट्वीट्स हैं.

इनमें से कुछ कथित ट्वीट्स नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले यानी 2012, 2014 के हैं, जिनमें महिलाओं और महिला नेताओं और अन्य नेताओं को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं. इन्हें शेयर करके लोग उनकी भाषा और मानसिकता पर सवाल उठा रहे हैं.

रेखा शर्मा दरअसल अगस्त 2015 में राष्ट्रीय महिला आयोग से जुड़ी थीं. आयोग की वेबसाइट के मुताबिक़, रेखा शर्मा ने 7 अगस्त 2018 को राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन का पदभार संभाला था.

राष्ट्रीय महिला आयोग में शामिल होने से पहले वो बीजेपी से सक्रिय रूप से जुड़ी थीं. वो हरियाणा में बीजेपी की ज़िला सचिव और मीडिया प्रभारी थीं.

सोशल मीडिया पर बहस तेज़ होने के बाद #SackRekhaSharma भी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा था और उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की जाने लगी. विपक्षी दल कांग्रेस भी रेखा शर्मा के इस्तीफ़े की मांग की.

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, "इस बारे में बहुत बहस हो रही है कि निम्न स्तर के विचार रखने वाली एक सेक्सिस्ट महिला राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख कैसे हो सकती हैं. लेकिन नरेंद्र मोदी और बीजेपी को देखते हुए ये समझा जा सकता है कि इसकी क्या वजह है. आप जितना ज़हर निकालेंगे, उतना ही इस इको-सिस्टम में फले-फूलेंगे. शर्मनाक."

ये ख़बर लिखे जाने तक रेखा शर्मा ने अपने अपनी ट्विटर अकाउंट को लॉक कर लिया है. उनके अकाउंट पर जाने पर लिखा आ रहा है कि उनके 'ट्वीट प्रोटेक्टेड हैं' यानी उनके ट्ववीट्स सिर्फ़ वही लोग देख सकते हैं, जिन्हें वो इजाज़त देंगी.

बीबीसी ने रेखा शर्मा से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी.

ख़बरों के मुताबिक़, रेखा शर्मा ने इससे पहले ट्वीट किया था कि किसी ने उनका अकाउंट हैक कर लिया है और उनके अकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ ट्वीट कर दिए हैं.

साथ ही उन्होंने लिखा, "जब ये ट्वीट हुए, तब मैं फ़्लाइट में थी. लोग कितने दुष्ट हैं. महाराष्ट्र से आ रही हूँ और समझ सकती हूँ कि ये क्यों हुआ होगा."

महाराष्ट्र सरकार से नाराज़गी

दरअसल राज्यपाल से मुलाक़ात के दौरान राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा को लेकर कड़ी नाराज़गी जताई थी. पत्रकारों से बातचीत में रेखा शर्मा ने कहा था कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राज्य महिला आयोग का गठन नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष पद ख़ाली होने की वजह से महिलाओं की शिकायतों से संबंधित चार हज़ार मामलों की सुनवाई लटकी हुई है, इसलिए हमने राज्यपाल से कहा है कि जब तक राज्य महिला आयोग का गठन नहीं होगा, तब तक राष्ट्रीय महिला आयोग की एक सदस्य हर महीने सुनवाई के लिए मुंबई आएँगी.

मंगलवार को मुंबई आईं रेखा शर्मा राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाक़ात के बाद दिल्ली लौट गईं थी. लेकिन राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर से नहीं मिली.

इस पर यशोमति ठाकुर ने कड़े लहज़े में कहा कि महिला सुरक्षा के बारे में रेखा शर्मा का केवल राजनीतिक एजेंडा नज़र आ रहा है.

उन्होंने कहा, "मैंने महिला आयोग की अध्यक्ष को मुलाक़ात के लिए मंगलवार की सुबह 11 बजे का समय दिया था और उन्होंने कहा था कि राज्यपाल से मिलने के बाद मैं मिलने आऊँगी, लेकिन मैं इंतज़ार करती रह गई और वो नहीं आईं." (bbc)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news