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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर। दो अंतरराष्ट्रीय प्रेस संस्थाओं, द इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर, उनसे यह आग्रह किया है कि वे पत्रकारों के उत्पीडऩ को रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठायें।
दोनों संस्थाएं संपादकों, पत्रकारों और मीडिया में काम करने वालों की अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाएं हैं जिन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पीएम मोदी राज्य सरकारों को पत्रकारों के खिलाफ सभी मामले वापस लेने का निर्देश दें।
इस पत्र में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में पत्रकारों पर अपना काम करने के बदले आईपीसी के सेक्शन-124ए के तहत राजद्रोह के मुकदमे भी लगाये गये हैं जिन्हें वापस लिया जाना चाहिए।
इस पत्र में केरल के पत्रकार सिद्दकी कप्पन की गिरफ्तारी पर विशेष रूप से चिंता जाहिर की गई है जो हाथरस केस की रिपोर्टिंग कर रहे थे।
पत्र के अनुसार, कोरोना महामारी फैलने के बाद पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
इस पत्र में एक रिपोर्ट का हवाला देकर कहा गया है कि 25 मार्च से 31 मई के बीच, महामारी कवर करने वाले 55 पत्रकारों को निशाना बनाया गया और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उन पर केस किये गए।
इन संस्थाओं ने लिखा है कि स्वास्थ्य संकट का उपयोग उन लोगों को चुप कराने के लिए किया जा रहा है, जिन्होंने सरकार की प्रतिक्रिया में कमी को उजागर किया है। मगर स्वतंत्र मीडिया का होना लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। (bbc.com/hindi)