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..परिवार की तिजाेरी भरने वाले चाहिए या बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त करने वाले : मोदी
23-Oct-2020 5:16 PM
..परिवार की तिजाेरी भरने वाले चाहिए या बिहार को भ्रष्टाचार मुक्त करने वाले : मोदी

गया/भागलपुर 23 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव में जनता को मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) एवं कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के चयन में सावधान रहने की नसीहत देते हुए कहा कि यह प्रदेश भ्रष्टाचार से मुक्त होने का हकदार है लेकिन इसे सुनिश्चित कौन करेगा, भ्रष्टाचार में लिप्त होकर केवल परिवार की तिजोरी भरने वाले लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाला।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने शुक्रवार को भागलपुर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवारों के पक्ष में आयोजित चुनावी जनसभा में संबोधन की शुरुआत अंगिका भाषा में की और कहा, “भाई-बहिन सब, हम्मे दानवीर कर्ण के ई चंपानगरी आरो मंदार पर्वत, बाबा बासुकीनाथ, बाबा अजगैबी नाथ, श्रृंगी ऋषि के ई पवित्र भूमि के प्रणाम करै छियौन।” उन्होंने राज्य की जनता से पूछा कि बिहार वह स्थान है, जहां लोकतंत्र के बीज बोए गए थे क्या जंगलराज में कभी भी विकास और लोकतंत्र के मूल्य फल-फूल सकते हैं।

श्री मोदी ने सवाल किया कि बिहार भ्रष्टाचार से मुक्त होने का हकदार है लेकिन इसे कौन सुनिश्चित करेगा, खुद भ्रष्टाचार में लिप्त लोग या भ्रष्टाचारियों से लड़ने वाले लोग। बिहार विकास का हकदार है लेकिन इसे कौन सुनिश्चित करेगा, वह जिन्होंने केवल अपने परिवार का विकास किया या वह जिन्होंने लोगों की सेवा में अपना परिवार तक भूल गए। बिहार रोजगार और उद्यमिता का हकदार है। यह कौन सुनिश्चित कर सकता है, वह जो सरकारी नौकरी देने को रिश्वत कमाने का जरिया मानते है या जो लोग बिहार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने का काम कर रहे है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार निवेश का हकदार है लेकिन यह कौन सुनिश्चित करेगा, वह जिन्होंने बिहार को जंगलराज बना दिया या जो लोग बिहार को सुशासन दे रहे हैं और उसके विकास में जी-जान से जुटे हैं। बिहार बेहतर कानून-व्यवस्था का हकदार है, यह कौन सुनिश्चित करेगा वह जिसने गुंडों को खिलाया-पिलाया और पाला या वह जिन्होंने गुंडो पर डंडे चलाये। बिहार अच्छी शिक्षा व्यवस्था का भी हकदार है, क्या यह उन लोगों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा जिन्हें शिक्षा का महत्व ही नहीं पता या वह लोग जो राज्य में भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) लाने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं। (वार्ता)

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