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एसएफजे ने अपने एजेंडे के लिए छात्रों को आईफोन देने की पेशकश की, पंजाब में अलर्ट
23-Oct-2020 5:53 PM
 एसएफजे ने अपने एजेंडे के लिए छात्रों को आईफोन देने की पेशकश की, पंजाब में अलर्ट

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रतिबंधित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) विभिन्न माध्यमों से भारत विरोधी अपने एजेंडे का समर्थन करने के लिए लोगों को लुभाने की लगातार कोशिश कर रहा है। समूह ने अब अपने अवैध प्रयास के तहत 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर खालिस्तान का झंडा बुलंद करने वाले छात्रों को आईफोन-12 देने की पेशकश की है।

केंद्रीय एजेंसियों ने पंजाब को अलर्ट किया है कि उन्हें इनपुट मिले हैं कि एसएफजे ने राज्य में छात्रों को 31 अक्टूबर को स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में खालिस्तान का झंडा बुलंद करने का आह्वान किया है।

समूह ने इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के 36वें कथित शहादत वर्ष के उपलक्ष्य में इस नई तकनीक को अपनाया है।

समूह के जनरल काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपने एक वीडियो संदेश में पंजाब के छात्रों को 'आई-फोन 12 मिनी' की पेशकश की है। इंटेलिजेंस ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को प्रतिबंधित समूह के इस कदम के बारे में जानकारी मिली है। इस फोन में समूह ने पंजाब रेफरेंडम ऐप पहले से ही इंस्टॉल करके देने का वादा किया है।

समूह ने इससे पहले एसएफजे के मतदाता पंजीकरण डेटाबेस के साथ जुड़ने का आग्रह किया था। हालांकि खुफिया एजेंसी और गृह मंत्रालय के प्रयासों से उसके इन इरादों पर पानी फिर गया था।

वीडियो संदेश में पंजाब के छात्रों से 31 अक्टूबर को अकाल तख्त साहिब में शहीद बेगम सिंह के सम्मान में शहीदी समागम अरदास में भाग लेने का आग्रह किया गया है।

इस साल पांच जुलाई को, गृह मंत्रालय ने पंजाब में रहने वाले लोगों के मतदाता पंजीकरण के लिए एसएफजे की ओर से शुरू की गई 40 वेबसाइटों तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया था और मतदाता पंजीकरण ऐप को भी गूगल प्ले स्टोर से हटवा दिया गया था।

किसान विरोधी कानूनों पर लोगों की भावना को भांपते हुए समूह ने इस महीने की शुरूआत में पंजाब के किसानों को लुभाने की कोशिश की और किसानों की रैली के दौरान पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू टोल प्लाजा पर खालिस्तान झंडा फहराने के लिए 10,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की।

एक ब्रिटिश पोर्टल के माध्यम से समूह ने पंजाब और हरियाणा के ऐसे किसानों से 5,000 रुपये मासिक अनुदान के लिए आवेदन भी मांगे हैं, जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है और वे अपने कृषि ऋण को चुका नहीं पाए हैं।

समूह ने अपने रेफरेंडम-2020 अभियान के लिए पंजाब के किसानों का समर्थन प्राप्त करने की रणनीति के तहत यह घोषणा की है, जिसे नवंबर में आयोजित करने की योजना है।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने पन्नू की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। इस आदेश के एक दिन बाद अब खुफिया एजेंसियों के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो एसएफजे के खिलाफ मामलों की जांच कर रही है, उन्हें समूह की ओर से किसानों के लिए अनुदान प्रस्ताव पर इनपुट प्राप्त हुए हैं।

पंजाब के अलगाव के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एसएफजे के जनरल काउंसलर पन्नू ने कहा, भारत मेरी जमीन ले सकता है, लेकिन रेफरेंडम 2020 को रोक नहीं पाएगा।

इससे पहले, एसएफजे ने केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल को 13 सितंबर को पंजाब में रेल रोको के लिए आह्वान करते हुए पंजाब में ट्रेनें नहीं चलाने की चेतावनी दी थी।

मंत्री को लिखे गए एक ईमेल में एसएफजे ने पंजाब में कृषि ऋणों का मुद्दा उठाते हुए किसानों द्वारा बढ़ती आत्महत्याओं के प्रति भारत सरकार की आपराधिक लापरवाही की बात कही थी।

भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 51-ए के तहत पन्नू की अमृतसर और निज्जर की जालंधर स्थित संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है।

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