राष्ट्रीय
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल कुछ और अधिकारियों के साथ बुधवार को एक दिन की यात्रा पर नेपाल गए थे. खबरों के अनुसार, नेपाल में गोयल ओली से मिले और दोनों के बीच बैठक करीब बुधवार देर रात तक करीब दो घंटों तक चली. प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा ने बैठक की पुष्टि की और पत्रकारों को बताया कि ये सिर्फ एक 'कर्टसी' बैठक थी.
और कोई जानकारी देने से मना करते हुए थापा ने बस इतना कहा कि बैठक में गोयल ने नेपाल और भारत के बीच सहज रिश्तों, लंबित समस्याओं को बातचीत जरिए सुलझाने और आपसी सहयोग को बनाए रखने की जरूरत को रेखांकित किया. खबरों में यह भी बताया जा रहा है कि काठमांडू में गोयल विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा, पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई और मधेसियों के नेता महंता ठाकुर से भी अलग से मिले.
नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन में आतंरिक खींचतान की खबरों के बीच रॉ प्रमुख का इस तरह प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेताओं से मिलना गठबंधन के दूसरे नेताओं को नागवार लगा है. सत्तारूढ़ पार्टी एनसीपी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' और दूसरे कई नेताओं ने इन बैठकों पर चर्चा की और इनमें से कुछ ने सार्वजनिक रूप से रॉ प्रमुख के साथ हुई इन बैठकों को आपत्तिजनक बताया.
मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि प्रचंड ने अपने समर्थकों से कहा है कि प्रधानमंत्री को इस बात पर सफाई देनी पड़ेगी कि उन्होंने सरकार और पार्टी को अंधेरे में रखते हुए इस तरह की बैठक क्यों की. उन्होंने यह भी कहा कि ओली के "दुष्कर्म" उन्हें सरकार को फटकारने पर मजबूर कर रहे हैं.
रॉ प्रमुख की गुप्त यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और नेपाल हाल ही में बिगड़े द्विपक्षीय रिश्तों को फिर से संभालने की कोशिश कर रहे हैं. इन कोशिशों के तहत भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे नवंबर में नेपाल जाएंगे. यात्रा के दौरान नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी सेना प्रमुख को नेपाल की सेना के ऑनररी जनरल की उपाधि से नवाजेंगी.