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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि चीन कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन राज्य की जनता और भारतीय सेना इस इलाके में डटी रहेगी। जरूरत पडऩे पर प्रदेश के लोग चीन के खिलाफ भारतीय सेना के साथ मिलकर लड़ेंगे।
लद्दाख में भारतीय सीमा पर चीन के साथ जारी विवाद के बीच अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने साफ किया कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर चाहे जितना भी दावा जताता रहे, लेकिन राज्य की जनता और भारतीय सेना इससे पीछे नहीं हटेगी।
अरुणाचल प्रदेश में भारत-तिब्बत सीमा पर बूम ला दर्रे में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम पेमा खांडू ने कहा कि आज के हालात साल 1962 से अलग हैं. चीन कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन राज्य की जनता और भारतीय सेना इस इलाके में डटी रहेगी।
सीएम खांडू साल ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिक सूबेदार जोगिन्द्र सिंह के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि, अब 2020 चल रहा है, ये 1962 नहीं है, अब वक्त बदल चुका है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक हम पूरी तरह चीन से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने चीन को चुनौती देते हुए कहा कि जरूरत पडऩे पर अरुणाचल प्रदेश के लोग भी भारतीय सेना के साथ खड़े होंगे।
चीन अरुणाचल प्रदेश पर करता है दावा
दरअसल चीन हमेशा ही अरुणाचल प्रदेश को भारतीय राज्य न मानकर इसे दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है. वहीं भारत हमेशा चीन के इस दावे को खारिज करता रहा है।
चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश की 3,488 किमी लंबी सीमा लगती है, लेकिन चीन अपने रवैये पर कायम है, चीन हमेशा ही राज्य पर अपना दावा दिखाता रहा है, चीन ने साल 1951 में तिब्बत पर कब्जा किया था, लेकिन साल 1938 में खींची गई मैकमोहक लाइन के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। (भाषा)