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पाकिस्तान: नवाज़ शरीफ़ फ़ौज पर इतने हमलावर क्यों हो रहे हैं? - उर्दू प्रेस रिव्यू
25-Oct-2020 6:13 PM
पाकिस्तान: नवाज़ शरीफ़ फ़ौज पर इतने हमलावर क्यों हो रहे हैं? - उर्दू प्रेस रिव्यू

इस्लामाबाद, 25 अक्टूबर। पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ विपक्षी महागठबंधन की तीसरी रैली और कैप्टन सफ़दर की गिरफ़्तारी से जुड़ी ख़बरें सुर्ख़ियों में थीं.

पाकिस्तान में इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ संयुक्त विपक्ष की तीसरी रैली रविवार को बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में होगी.

अख़बार 'एक्सप्रेस' के अनुसार विपक्षी पार्टियों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के तीसरे जलसे में शामिल होने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ और जमीयतुल-उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ़) के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर्रहमान शनिवार को ही क्वेटा पहुँच गए हैं.

लेकिन पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ज़रदारी रैली में शामिल होंगे या नहीं इसको लेकर स्थिति साफ़ नहीं है. बिलावल गिलगित-बल्तिस्तान में हो रहे चुनाव के कारण वहां मौजूद हैं. रैली क्वेटा के अय्यूब स्टेडियम में आयोजित की गई है.

अख़बार के अनुसार राज्य सरकार ने रैली के आयोजकों को ख़बरदार किया है कि रैली में चरमपंथी हमले की आशंका है. सरकार ने इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं.

क्वेटा में 24 घंटे के लिए बाइक पर डबल सवारी पर पाबंदी लगा दी गई है. राज्य के मुख्य सचिव फ़ुज़ैल असग़र ने कहा कि रैली से राज्य में कोरोना वायरस के फैलने की भी आशंका है. क्वेटा में ट्रैफ़िक एडवाइज़री भी जारी कर दी गई है और अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है.

20 सितंबर को पाकिस्तान की सभी विपक्षी पार्टियों ने इस्लामाबाद में मिलकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) का गठन किया था और इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी.

इससे पहले पीडीएम की दो रैली हो चुकी है. पिछले रविवार यानी 18 अक्टूबर को पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में विपक्षी गठबंधन की दूसरी रैली हुई थी. जबकि उससे दो दिन पहले 16 अक्टूबर को पंजाब प्रांत के गुजरानवाला शहर में पहली रैली हुई थी.

दोनों ही रैलियों में काफ़ी भीड़ जुटी थी.

पूर्व प्रधानमंत्री और मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता नवाज़ शरीफ़ ने दोनों ही रैलियों में वीडियो लिंक के ज़रिए रैली को संबोधित किया.

नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी क़रार दिए जा चुके हैं लेकिन इन दिनों अपनी ख़राब सेहत का इलाज कराने के लिए वो लंदन में हैं.

नवाज़ शरीफ़ पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तानी सेना पर जमकर हमले कर रहे हैं. 20 सितंबर को इस्लामाबाद में हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक से नवाज़ शरीफ़ ने सेना पर हमला बोलना शुरू किया. सेना पर हमले का सिलसिला गुजरांवालां और कराची में भी जारी रहा. और दिन ब दिन नवाज़ शरीफ़ का सेना पर हमला और तेज़ होता जा रहा है.

इमरान ख़ान भी नवाज़ शरीफ़ पर हमले करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने नवाज़ शरीफ़ को भारत के साथ मिलकर काम का आरोप लगाया और उन्हें गीदड़ तक कह दिया.

इमरान ख़ान का कहना है कि नवाज़ शरीफ़ ने अपनी सेहत का बहाना बनाकर सरकार से विदेश जाने की इजाज़त ले ली और वो लंदन में बैठकर वहां से सरकार और सेना पर हमले कर रहे हैं जबकि उनकी तबीयत बिल्कुल ठीक है.

अब इमरान ख़ान का कहना है कि वो नवाज़ शरीफ़ को लंदन से वापस पाकिस्तान लाएंगे.

अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार इमरान ख़ान ने कहा कि नवाज़ शरीफ़ को वतन वापस लाने के लिए ज़रूरत पड़ी तो वो ब्रिटेन जाकर वहां के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से ख़ुद बात करेंगे.

विपक्ष की एकजुटता पर इमरान ख़ान ने कहा कि विपक्ष भारत से मिलकर उनके ख़िलाफ़ साज़िश कर रहा है.

इमरान ख़ान का कहना था, "भारत चाहता है कि पाकिस्तान के तीन हिस्सों में टुकड़े हों, लेकिन उसे फ़ौज से डर है. लेकिन हम तीन महीनों से तैयार बैठे हैं और उनकी साज़िशों को नाकाम बना रहे हैं. विपक्षी पार्टियां भारत, इसराइल और हमारे दुश्मनों से मिली हईं हैं और अमरीका में भारतीय लॉबी के साथ हैं जहां हुसैन हक़्क़ानी उनके लीडर हैं."

उन्होंने एक दफ़ा फिर कहा कि भारत में ख़ुशियां मनाईं जा रही हैं कि इमरान ख़ान को निकाला जा रहा है और नवाज़ शरीफ़ को लोकतंत्र का हीरो बनाया जा रहा है.

इमरान ख़ान के एक मंत्री शिबली फ़राज़ ने कहा है कि ब्रिटेन से बातचीत जारी है और 15 जनवरी तक नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान की जेल में होंगे.

पीडीएम की कराची में हुई दूसरी रैली के बाद नवाज़ शरीफ़ के दामाद और मरियम नवाज़ के पति कैप्टन सफ़दर (रिटायर्ड) की नाटकीय अंदाज़ में गिरफ़्तारी की ख़बरें भी इस हफ़्ते सारे अख़बारों में छाईं रहीं.

रविवार (18 अक्टूबर) को रैली ख़त्म होने के बाद रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को कैप्टन सफ़दर को कराची पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया.

उन पर आरोप था कि उन्होंने रविवार को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की कराची स्थित मज़ार पर जाकर राजनीतिक नारे लगाए थे जो कि उनका अनादर करना था.

लेकिन असल मामला यह था कि कैप्टन सफ़दर को गिरफ़्तार करने के लिए सेना ने कराची पुलिस पर दबाव बनाया था. यह भी ख़बर आई कि इसके लिए पहले सिंध के आईजी पुलिस को अग़वा किया गया फिर उन्हें कैप्टन सफ़दर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने और गिरफ़्तारी के आदेश देने के लिए मजबूर किया गया. मामला यहां तक बिगड़ गया कि आईजी और दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने इस मामले से नाराज़गी जताते हुए लंबी छुट्टी पर जाने का फ़ैसला कर लिया था.

मामले को बिगड़ते देख बिलावल भुट्टो ने सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से बात की जिन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कराने के आदेश दिए हैं. सेना की रिपोर्ट 10 दिनों में आएगी.

अख़बार जंग में उस दिन कराची में क्या हुआ इसका पूरा विवरण छपा है. अख़बार के मुताबिक़ सेना प्रमुख के आश्वासन के बाद ही आईजी और दूसरे पुलिस अफ़सरों ने छुट्टी पर जाने का फ़ैसला त्याग दिया.

सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने इस मामले की जाँच के लिए मंत्रियों का समूह बनाया है. सिंध में पीपीपी की सरकार है. मंत्रियों का समूह एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.

अख़बार जंग के अनुसार बिलावल भुट्टो ने प्रेसवार्ता कर कहा, "पिछले दिन मरियम नवाज़ और कैप्टन सफ़दर के साथ जो हुआ मैं उससे बहुत शर्मिंदा हूं और मुंह दिखाने के क़ाबिल नहीं हूं."

इसको लेकर अख़बारों में संपादकीय और कॉलम लिखे जा रहे हैं.

अख़बार जंग में छपे संपादकीय के अनुसार केंद्र सरकार इसे सिंध की सरकार का ड्रामा कह रही है तो विपक्षी पार्टियां ने इसे राज्य के काम-काज में दख़ल और विपक्षी एकता तोड़ने की साज़िश क़रार दिया है.

अख़बार लिखता है कि तमाम राजनीतिक दलों को सरकार के साथ मिलकर बैठना चाहिए. अगर मसले का हल नहीं निकाला गया तो हालात को क़ाबू करना नामुमकिन नहीं तो मुश्किल ज़रूर हो जाएगा.

अख़बार जंग में ही वरिष्ठ पत्रकार सलीम साफ़ी ने कॉलम लिखा है कि केंद्र सरकार राष्ट्र के संस्थानों से विपक्ष को लड़वा रही है. सलीम साफ़ी लिखते हैं कि जब सरकार के ज़ेहन में यह बात बैठ जाए कि संस्थानों की कमज़ोरी और जनता के प्रतिनिधि से उनकी लड़ाई में ही उनका (केंद्र सरकार) भला है तो फिर उस देश का भगवान ही मालिक है. (bbc)

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