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नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamn Sewak Sangh) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के सीएए वाले बयान से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) नाखुश नजर आ रहे हैं. ओवैसी ने कहा है कि हम बच्चे नहीं हैं, जिन्हें नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर गुमराह किया जाए. अपने ट्वीट में ओवैसी ने आंदोलन के दौरान कांग्रेस और आरजेडी के चुप्पी पर भी सवाल उठाए.
क्या है मामला?
संघ की सालाना दशहरा रैली में पहुंचे भागवत ने कहा था कि सीएए का मतलब किसी भी समुदाय का विरोध करना नहीं है. इस नए कानून का विरोध करने वाले लोग मुस्लिम भाइयों को गुमराह करना चाहते हैं. वे मुस्लिम भाइयों को बताना चाहते हैं कि इस कानून का मकसद मुस्लिम आबादी को काबू करना है. उन्होंने कहा कि सीएए का इस्तेमाल कर मौका परस्त लोग विरोध के जरिए संगठित हिंसा फैला रहे हैं.
ओवैसी का हमला
अपने ट्वीट में ओवैसी ने लिखा 'हम बच्चे नहीं हैं, जिन्हें गुमराह किया जाए. बीजेपी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि सीएए+एनआरसी का करना क्या था. अगर यह मुस्लिमों के बारे में नहीं है, तो इसमें से धार्मिक संबंधी हर चीज को हटा दें. उन्होंने लिखा 'यह याद रखें कि हम तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक ऐसा एक भी कानून रहेगा, जो हमें हमारी भारतीयता साबित करने को कहेगा.'
हम हर उस कानून का विरोध करेंगे, जो नागरिकता का आधार धर्म को बताएगा. उन्होंने लिखा 'मैं कांग्रेस, आरजेडी और उनके हमशक्लों से भी यह कहना चाहता हूं कि आंदोलन के दौरान आपकी चुप्पी भूले नहीं हैं. जब बीजेपी नेता लोगों को सीमांचल घुसपैठिये कह रहे थे तो आरजेडी (RJD) और कांग्रेस (Congress) ने एक बार अपना मुंह नहीं खोला.'