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कोल्हापुर, 26 अक्टूबर | एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इचलकरंजी म्युनिसिपल काउंसिल (आईएमसी) के परिसर में आत्मदाह कर लिया। उसने सिविक बॉडी में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध में ऐसा किया। सोमवार को यह जानकारी पुलिस ने दी। सामाजिक कार्यकर्ता की पहचान नरेश भोरे के रूप में हुई है। वह गंभीर रूप से झुलस गए और उन्हें निकटवर्ती इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया और बाद में एक विशेष सेंटर में ले जाया गया, जहां बुरी तरह से जला होने के कारण कुछ घंटों के भीतर उन्होंने दम तोड़ दिया।
वह दोपहर के आसपास सिविक बॉडी कॉम्प्लेक्स में आए और अगर कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर्स और अधिकारियों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार की उनकी शिकायत का निवारण तुरंत नहीं किया जाता है तो वह खुद को आग लगा लेंगे।
जैसा कि किसी ने भी उनकी धमकियों पर ध्यान नहीं दिया, उन्होंने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली, जबकि कई स्तब्ध होकर देखते रह गए।
कुछ लोगों ने आग की लपटों पर काबू पाने के लिए तुरंत पानी डाला, आग बुझाने का उपकरण इस्तेमाल किया और अन्य चीजों का इस्तेमाल किया, लेकिन तब तक वह 60 फीसदी जल चुके थे।
भोरे को पहले आईजीएम अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया और वहां से सांगली सिविल अस्पताल में एक विशेष बर्न यूनिट में ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई।
इस घटना ने कोल्हापुर के राजनीतिक हलकों को झटका दिया है, पिछले सप्ताह उन्होंने कथित तौर पर 'खुद को जलाने' की लिखित अग्रिम चेतावनी जारी की थी।
--आईएएनएस