खेल
जिस्म में जो अहमियत ख़ून की होती है, कहानी में वो ही 'इमोशन' की होती है.
और जब इमोशन के साथ एक्शन और ड्रामा भी हो तो फिर उस कहानी का हिट होना तय है. भले ही वो कहानी क्रिकेट मैदान पर क्यों न लिखी जा रही हो.
आईपीएल-13 में किंग्स इलेवन पंजाब टीम ऐसी ही कहानी लिख रही है. कम-से-कम पिछले पांच मैचों से. इस कहानी में भरपूर एक्शन और ग़ज़ब का ड्रामा दिखा है लेकिन सबसे पहले बात इमोशन की.
छलक उठी भावनाएं
कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ सोमवार को बार-बार भावनाएं छलकती दिखीं. शुरुआत तब हुई जब पंजाब के ओपनर मनदीप सिंह हाफ सेंचुरी पूरी करने के बाद आसमान को ताकते हुए कुछ इशारे करते और कुछ कहते दिखे.
उनके साथ बल्लेबाज़ी कर रहे क्रिस गेल ने पास जाकर गर्मजोशी से उनकी पीठ थपथपाई.
डग आउट में बैठे पंजाब टीम के खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ के सदस्य ऐसे जोश में तालियां बजाने लगे मानो समझ गए हों कि मनदीप क्या कहना चाहते हैं. टीवी के लिए मैच की कमेंट्री कर रहे पूर्व क्रिकेटर भी कुछ भावुक से हो गए. इन तस्वीरों को देखकर उन्हें याद हो आया कि तीन दिन पहले मनदीप सिंह के सिर से पिता का साया उठ गया था.
किंग्स इलेवन पंजाब को जीत दिलाने वाली नाबाद 66 रन की पारी खेलने के बाद मनदीप सिंह जब मैदान से बाहर आए तो ज़िक्र उस भावुक लम्हे का भी हुआ. मनदीप ने कहा, "ये बहुत स्पेशल है. मेरे पिता हमेशा कहते थे कि तुम्हें नॉट आउट लौटना चाहिए. ये पारी उनके लिए थी."
कप्तान केएल राहुल ने भी उनके जज़्बे की बात की. राहुल ने कहा, "मनदीप ने जो मज़बूती दिखाई है, हर कोई उन्हें लेकर भावुक हैं. उन्होंने हाथ उठाया. पिच पर टिके और मैच ख़त्म किया, इसे लेकर हमें गर्व है."
फिर आई मैन ऑफ़ द मैच क्रिस गेल की बारी. गेल ने कहा, "मनदीप मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं. पिछले मैच में हमने कहा था कि हम उनके लिए जीतना चाहते हैं. ऊपर से देख रहे पिता की तरफ उन्हें इशारा करते देखना बहुत अच्छा लग रहा था."
पिता की मौत के अगले दिन मनदीप सिंह टीम के लिए बल्लेबाज़ी करने उतरे थे. मुक़ाबला सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ था. उस मैच में मनदीप सिर्फ़ 17 रन बना सके थे. करीबी मैच में किंग्स इलेवन ने 12 रन से जीत दर्ज की थी और इस जीत को मनदीप के पिता के नाम किया था.
और अब एक्शन की बात
पिछले पांच मैच से तो किंग्स इलेवन की टीम जबरदस्त एक्शन में है. सबसे बड़े एक्शन स्टार हैं, क्रिस गेल.
बैंगलोर के ख़िलाफ़ हाफ सेंचुरी जमाकर टीम की किस्मत बदलना हो. मुंबई के ख़िलाफ़ सुपर ओवर में छक्का जड़कर मैच को पंजाब के हक़ में मोड़ना हो, या फिर कोलकाता के ख़िलाफ़ सुनील नरेन समेत दूसरे तमाम विरोधी गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ाना हो, गेल ग़ज़ब ढा रहे हैं.
सोमवार की जिस पारी के लिए गेल को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया, उसमें उन्होंने पांच ज़बरदस्त छक्के और दो चौके जड़े.
उम्र 41 बरस हो चुकी है. दाढ़ी की सफेदी साफ़ दिख रही है लेकिन बाजुओं का ज़ोर कतई कम नहीं हुआ है.
गेल ये बताना भी नहीं भूलते कि तमाम लोग कह रहे हैं कि प्लेइंग इलेवन में उनकी एंट्री के साथ ही टीम की किस्मत चमक गई. किंग्स इलेवन तब से लगातार पांच मैच जीत चुकी है.
गेल ने ये राज़ भी खोला कि टीम के युवा खिलाड़ी उनसे गुज़ारिश कर रहे हैं, "रिटायर मत होना."
एक्शन में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी भी हैं. मुंबई के ख़िलाफ़ सुपर ओवर में शमी ने जो कमाल दिखाया था, उसके लिए वो टूर्नांमेंट के सबसे चर्चित गेंदबाज़ बन गए. शमी ने रोहित शर्मा समेत मुंबई के दूसरे बल्लेबाजों को अपने ओवर में छह रन नहीं बनाने दिए. 12 मैचों में 20 विकेट लेकर वो टूर्नामेंट के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज़ हैं. अब ज़्यादातर बल्लेबाज़ उनके आगे सहमे दिख रहे हैं.
एक्शन मैन की बात हो और कप्तान केएल राहुल का ज़िक्र न हो, नामुमकिन है. राहुल 595 रन के साथ टूर्नामेंट के सबसे कामयाब बल्लेबाज़ हैं. इस टीम में निकोलस पूरन भी हैं. पूरन ने रन तो 329 ही बनाए हैं लेकिन उनके बल्ले से निकले 22 छक्के हर किसी का दिल जीत चुके हैं. छक्के जड़ने के मामले में वो टूर्नामेंट में दूसरे नंबर पर हैं.
आईपीएल-13 में सबसे ज़्यादा नाटकीय लम्हे किंग्स इलेवन पंजाब के हिस्से ही आए हैं. मुंबई इंडियन्स के ख़िलाफ़ दो-दो सुपर ओवर का रोमांच. क्या ग़जब ड्रामा था.
फिर हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच में दुबई में खेला गया मैच. जहां पंजाब ने 126 रनों का कामयाबी के साथ बचाव कर लिया. वो भी उस स्थिति के बाद बाज़ी पलट दी जहां हैदराबाद को आखिरी 14 गेंद में 17 रन बनाने थे और छह विकेट बाकी थे.
नाटकीय लम्हे ड्रेसिंग रूम के अंदर भी आए हैं. कप्तान केएल राहुल बता चुके हैं कि सात में से छह मैच हारने के बाद कोच अनिल कुंबले ने किस तरह खिलाड़ियों का मनोबल बनाए रखने में मदद की.
फिर मनदीप सिंह की कहानी सामने आई. शुरुआती मैचों में नाकाम होने के बाद वो प्लेइंग इलेवन से बाहर थे. मयंक अग्रवाल चोटिल हुए तो प्लेइंग इलेवन में वापसी का मौका मिला. तब ख़बर पिता की मौत की मिली. हालात मुश्किल थे लेकिन मनदीप मज़बूती के साथ फ़ैसला करने में कामयाब हुए.
लगातार तेज़ी से बदलते इस घटनाचक्र की धुरी बने कप्तान केएल राहुल कहते हैं, " हर अलग दिन एक अलग शख्स ने जिम्मेदारी उठाई है. उंगलियां क्रॉस करके कहता हूं कि हम कुछ और मैच जीत सकते हैं."
कप्तान की ये ख्वाहिश जायज़ भी है. आखिर अभी कहानी पूरी कहां हुई है.(bbc)