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ललितपुर से भोपाल तक बिना रुके दौड़ी रेल, बच्ची के अपहरण की अजीबोगरीब कहानी
27-Oct-2020 5:16 PM
ललितपुर से भोपाल तक बिना रुके दौड़ी रेल, बच्ची के अपहरण की अजीबोगरीब कहानी

समीरात्मज मिश्र

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर। घटना यूपी के ललितपुर की है। जहां पहले एक व्यक्ति ने कथित तौर पर तीन साल की एक बच्ची का अपहरण किया। बाद में उसे लेकर रेलवे स्टेशन पहुँचा और फिर भोपाल जाने वाली ट्रेन पर सवार हो गया। हालांकि अभियुक्त और उसकी यह हरकत सीसीटीवी फ़ुटेज में क़ैद हो गई थी। इस दौरान घरवालों ने पुलिस को बच्ची के गुमशुदा होने की ख़बर दे दी थी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और ट्रेन को बिना कहीं रोके ललितपुर से भोपाल तक दौड़ाया गया।

बच्ची को अपहरणकर्ता के हाथों सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो उस पर पहली बार में यक़ीन किसी को नहीं हुआ।

ललितपुर के पुलिस अधीक्षक मिजऱ्ा मंजऱ बेग ने बीबीसी को बताया, रविवार शाम एक महिला ने रेलवे स्टेशन पर आकर पुलिस को ख़बर दी कि उसकी तीन साल की बेटी का अपहरण हो गया है। महिला ने यह भी बताया कि अपहरणकर्ता को उसने एक ट्रेन में चढ़ते हुए देखा है। उनकी जानकारी के आधार पर सीसीटीवी फ़ुटेज खँगाले गए तो युवक बच्ची को लेकर राप्तीसागर एक्सप्रेस ट्रेन पर चढ़ता हुआ मिला। यह तय किया गया कि भोपाल तक इस ट्रेन को नॉन-स्टॉप चलाया जाए ताकि भोपाल में उसे आसानी से गिरफ़्तार किया जा सके।

एसपी मंजऱ बेग बताते हैं, जब भोपाल में कऱीब ढाई घंटे बाद ट्रेन रुकी तो वहां की पुलिस पहले से ही अलर्ट पर थी। ट्रेन से बच्ची को बरामद कर लिया गया। अपहर्ता कोई और नहीं बल्कि बच्ची के पिता ही थे। पति-पत्नी में लड़ाई हुई थी जिसके बाद पति बच्ची को लेकर भाग आया था। हालांकि पत्नी ने यह नहीं बताया था कि बच्ची को उसका पिता ही लेकर गया है।

भारतीय रेलवे के इतिहास में शायद यह पहला मौक़ा है, जब किसी अपहर्ता को पकडऩे और अग़वा बच्ची को छुड़ाने के लिए ट्रेन को नॉन-स्टॉप दौड़ाया गया हो।

कऱीब दो सौ किलोमीटर की इस दूरी में ट्रेन को कहीं पर भी नहीं रोका गया। हालांकि इस बीच ट्रेन के कई स्टॉप हैं। ट्रेन ललितपुर से चली और सीधे भोपाल स्टेशन पर ही रुकी।

बच्ची को ढूंढ़ते हुए परिजन ललितपुर स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ़ जवानों से मिले और उन्हें बच्ची के खोने और किसी व्यक्ति को उसे लेकर भागते हुए देखने की सूचना दी। सीसीटीवी कैमरे में अपहर्ता दिखाई दिया जो बच्ची को लेकर ट्रेन में सवार हो रहा था। लेकिन जब तक आरपीएफ़ के जवान कुछ कर पाते, तब तक ट्रेन चल चुकी थी।

इस मामले की जानकारी झांसी में आरपीएफ़ के इंस्पेक्टर को दी गई और फिर भोपाल के ऑपरेटिंग कंट्रोल को इस बारे में बताया गया।

आरपीएफ़ के इंस्पेक्टर ने उनसे अनुरोध किया कि ट्रेन को ललितपुर से भोपाल के बीच कहीं न रोका जाए तो बच्ची को सकुशल उतार लिया जाएगा। ऑपरेटिंग कंट्रोल के अफ़सरों ने ऐसा ही किया। ट्रेन न रुकने के कारण अपहर्ता को कहीं उतरने का मौक़ा नहीं मिला और मजबूरन उसे भोपाल तक जाना पड़ा।

ट्रेन जैसे ही भोपाल स्टेशन पर रुकी, पुलिस की टीम ने अपहर्ता को पकड़ लिया। बाद में पता चला कि अपहर्ता कोई और नहीं बल्कि बच्ची के पिता ही हैं। बाद में पुलिस वालों की मौजूदगी में वह बच्ची को लेकर फिर ललितपुर आया।

ललितपुर के एसपी मिजऱ्ा मंजऱ बेग के मुताबिक़, परिजनों को एक-दूसरे से मिला दिया गया। हालांकि इस बारे में न तो बच्ची के पिता ने कोई बात की और न ही बच्ची की मां ही कुछ बोलने को तैयार हो रहे हैं।

पुलिस के मुताबिक़, बच्ची के पिता लक्ष्मी नारायण ललितपुर के आज़ादपुरा में किराये पर रहते हैं। पति पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हो गया तो लक्ष्मी नारायण बाहर खेल रही अपनी ही बच्ची को लेकर चले गए।

चूंकि उनका घर रेलवे स्टेशन के पास ही है इसलिए बच्ची की मां और दूसरे लोगों ने उसे ले जाते हुए देख लिया और स्टेशन तक पीछा किया। हालांकि बच्ची की मां का कहना है कि उसे ये नहीं पता था कि लक्ष्मी नारायण ही बच्ची को लेकर जा रहे हैं। (bbc.com)

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