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मुरिया दरबार में शामिल हुए सीएम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 28 अक्टूबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को बस्तर दशहरे के मुरिया दरबार में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा दिन तक दशहरे मनाने का रिकॉर्ड है। यहां ढाई महीने दशहरा चलता है, लेकिन इस बार साढ़े 3 महीने चला। इस मौके पर उन्होंने सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई।
उन्होंने कहा कि बस्तर दशहरे में न सिर्फ हिन्दुस्तान बल्कि विदेशों में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1857 से पहले क्रांति की ज्वाला बस्तर से निकली थी। उन्हें मुरिया दरबार में आने का सौभाग्य मिला। उन्होंने मुरिया दरबार की तारीफ की और कहा कि यहां समाज की उन्नति के लिए चर्चा करती है।
श्री बघेल ने दशहरा उत्सव समिति के प्रमुख दीपक बैज की तारीफ की और कहा कि वे सेवाभाव के काम कर रहे हैं। बस्तर के जनप्रतिनिधियों और विशेषकर कवासी लखमा की तारीफों के पुल भी बांधे। और कहा कि यहां के लोगों की आय में कैसे बढ़ोत्तरी हो, इसके लिए चिंतन मनन करते रहते हैं।
श्री बघेल ने कहा कि दंतेवाड़ा से सुपोषण योजना की शुरूआत हुई थी, और अब कुपोषण में 14 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में बस्तर के लोग महुआ फेंक रहे थे, लेकिन इस बार सरकार ने स्वसहायता समूहों के माध्यम से 35 रूपए किलो की दर से महुआ खरीदी की है।
श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सारे उद्योग धंधे बंद थे। रेल-हवाई जहाज बंद था। ऐसे समय में सरकार ने बस्तर में 31 रूपए की दर से इमली की खरीदी की। लोग पैसे के मोहताज थे, तब 26 लाख मजदूरों को मनरेगा के जरिए काम दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने लोहांडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन वापस की है। देश में सबसे ज्यादा दर पर तेंदूपत्ता की खरीदी की गई है। पहले चार लघुवनोपज की खरीद होती थी, लेकिन अब 31 लघुवनोपज की खरीदी हो रही है। उन्होंने मांझी-चालकी और सदस्यों के अलावा पुजारी के मानदेय में बढ़ोत्तरी का ऐलान किया। इस मौके पर सरकार के मंत्री कवासी लखमा और बस्तर के सभी विधायक-सांसद मौजूद थे।