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आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया? भारत सरकार के पास स्पष्ट जवाब नहीं!
28-Oct-2020 8:12 PM
आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया? भारत सरकार के पास स्पष्ट जवाब नहीं!

कोरोना संक्रमण के मामलों की ‘कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए बनाये गए’ आरोग्य सेतु ऐप को किसने और कैसे तैयार किया? इस सवाल का गोलमोल जवाब देने की वजह से केंद्रीय सूचना आयोग ने भारत सरकार को नोटिस जारी किया है.

केंद्रीय सूचना आयोग ने नेशनल इन्फ़ॉर्मेटिक सेंटर से जवाब माँगा है कि जब आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट पर उनका नाम है, तो फिर उनके पास इस ऐप को बनाये जाने से संबंधित जानकारी क्यों नहीं है?

आयोग ने इस संबंध में नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीज़न, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नेशनल इन्फ़ॉर्मेटिक सेंटर के सूचना अधिकारियों के नाम कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही उनसे पूछा है कि सूचना देने में टाल-मटोल करने के लिए उन पर आरटीआई एक्ट की धाराओं के तहत जुर्माना क्यों ना लगाया जाये.

उनसे नोटिस में सफ़ाई माँगी गई है कि उन्होंने करोड़ों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जा रही इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई का स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया?

कोरोना वायरस महामारी के बीच कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप आरोग्य सेतु को लाखों लोग डाउनलोड कर चुके हैं.

भारत सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी बार-बार लोगों से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील करते रहे हैं.

लगातार इस ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया गया है. कई जगहों, जैसे सरकारी दफ़्तरों, रेल या हवाई यात्रा के लिए इस ऐप को अनिवार्य भी किया गया.

आरोग्य सेतु ऐप की वेबसाइट कहती है कि इसे नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर और आईटी मंत्रालय ने डेवेलप किया है, लेकिन इस ऐप को लेकर डाली गई एक आरटीआई में दोनों ने ही कहा कि ‘उनके पास इसकी जानकारी नहीं है कि इस ऐप को किसने डेवेलप किया है.’

दरअसल, सौरव दास नाम के एक शख़्स ने चीफ़ इन्फ़ॉर्मेशन कमिशन में शिकायत दर्ज कराई थी. दास ने दावा किया है कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वालों के बारे में जानकारी के लिए एनआईसी, नेशनल ई-गवर्नेंस डिविज़न और मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क किया था.

दास ने ऐप के शुरुआती प्रस्ताव, इसको मिली मंज़ूरी के डिटेल, इस काम में शामिल कंपनियों, व्यक्ति और सरकारी विभागों को लेकर जानकारी माँगी थी. उन्होंने ऐप डेवेलपमेंट से जुड़े लोगों के बीच हुए सूचना के आदान-प्रदान की प्रतियां भी माँगी थीं. हालांकि, उनका आवेदन दो महीनों तक अलग-अलग सरकारी विभागों के बीच घूमता रहा.

दास ने अपनी शिकायत में कहा कि ना ही एनआईसी और ना ही मंत्रालय ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी दी.

केंद्रीय सूचना आयोग ने एनआईसी से यह भी पूछा है कि वो बताए कि उसकी वेबसाइट पर आरोग्य सेतु ऐप का नाम क्यों है, जबकि उसके पास इसके बारे में जानकारी नहीं है.(https://www.bbc.com/hindi)

 

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